ओडिशा में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की भुवनेश्वर शाखा को पुलिस थाना घोषित किया जाना आंतरिक सुरक्षा के लिहाज़ से एक बड़ा और रणनीतिक कदम माना जा रहा है। गृह विभाग की इस अधिसूचना का मुख्य उद्देश्य राज्य में आतंकवाद, सीमापार जासूसी, साइबर अपराध, नकली दस्तावेज़ों और माओवादी गतिविधियों पर तेज़ और स्वतंत्र जांच को सुनिश्चित करना है।
इस निर्णय के प्रमुख बिंदु:
NIA शाखा को पुलिस थाना घोषित करने का कानूनी आधार:
- यह निर्णय भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 2(1)(यू) के तहत लिया गया है।
- आदेश ओडिशा गजट में प्रकाशित होने की तिथि से प्रभावी होगा।
भौगोलिक और कार्यात्मक अधिकार क्षेत्र:
- यह थाना पूरा ओडिशा राज्य कवर करेगा।
- संदिग्ध राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की सूचना मिलते ही एनआईए सीधे जांच शुरू कर सकेगी, राज्य पुलिस पर निर्भरता कम होगी।
स्थान और ढांचा:
- फिलहाल यह थाना वीएसएस नगर, वाणी विहार, भुवनेश्वर में तारिणी मंदिर के पास अस्थायी रूप से शुरू किया जा रहा है।
- बाद में इसे स्थायी भवन में स्थानांतरित किया जाएगा (स्थायी स्थान की घोषणा अभी नहीं हुई है)।
पृष्ठभूमि और संदर्भ:
- गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही देश के हर राज्य में एनआईए की शाखाएं स्थापित करने का रोडमैप साझा किया था।
- ओडिशा में हाल के वर्षों में आतंकवाद, सिमी, अल-कायदा, बांग्लादेशी नेटवर्क, और माओवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई है।
- ज्योति मल्होत्रा जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों और डीआरडीओ लीक केस, सिम बॉक्स रैकेट, और पुरी ट्रेन अग्निकांड जैसे मामलों की जांच में एनआईए की सक्रियता पहले ही नज़र आ चुकी है।
संभावित प्रभाव:
- राष्ट्रीय सुरक्षा में सुदृढ़ता – अब एनआईए को बिना राज्य की प्राथमिक अनुमति के सीधे कार्रवाई का अधिकार होगा।
- खुफिया जानकारी का केंद्रीकरण – ओडिशा में चल रही जांचें एक जगह एकत्र होंगी, जिससे नैरेटिव और प्रोसेक्यूशन अधिक प्रभावी होगा।
- राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर तेज़ और निष्पक्ष कार्रवाई – खासकर सीमा पार जासूसी, डिजिटल फंडिंग और हथियार तस्करी से जुड़े मामलों में।
- राज्य पुलिस के साथ बेहतर समन्वय – थाने का दर्जा मिलने से एफआईआर दर्ज करने, गिरफ्तारी, और छापेमारी में आसानी होगी।