लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी द्वारा बेंगलुरु की जेल में कैदियों को कट्टरपंथी बनाने से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जांच का दायरा बढ़ाते हुये मंगलवार (5 मार्च) को सात राज्यों के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी .
एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब, गुजरात और पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न स्थानों पर संदिग्ध व्यक्तियों के परिसरों पर की गई छापेमारी के दौरान नकदी के साथ-साथ कई डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए.
चार्जशीट दाखिल कर चुकी है NIA
जनवरी में एनआईए ने मामले में आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था. इसमें शामिल आरोपियों में केरल के कन्नूर का टी नसीर, जुनैद अहमद उर्फ जेडी और सलमान खान शामिल है . नसीर 2013 से बेंगलुरु केंद्रीय कारा में है और आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, जबकि जेडी और सलमान खान के विदेश भाग जाने का संदेह है.
बेंगलुरु शहर पुलिस ने पिछले साल 18 जुलाई को मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी, इससे पहले पुलिस ने सात पिस्तौल, चार हथगोले, एक मैगजीन और 45 कारतूस बरामद किया था. मामले में सात आरोपियों को हिरासत में लिया गया था जिनके पास से चार वाकी-टाकी भी बरामद हुआ था.
पुलिस से लेकर एनआईए तक
आतंकी एंगल सामने आने पर अक्टूबर 2023 में मामला एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया।
एनआईए की जांच से पता चला कि नसीर कई विस्फोट मामलों में शामिल था और उसने 2017 में बेंगलुरु जेल में बंद रहने के दौरान अन्य आरोपियों को कट्टरपंथी बनाया था।
नसीर उन सभी को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें लश्कर में भर्ती करने की क्षमता का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने के बाद अपने बैरक में स्थानांतरित करने में कामयाब रहा था।
जमानत पर छूटने के बाद जुनैद ने पुलिस द्वारा भंडाफोड़ किए गए आतंकी मॉड्यूल को तैयार किया।
छापेमारी में बरामद हुई ये चीजें
NIA के प्रवक्ता ने कहा कि आज सुबह सात राज्यों में छापेमारी के दौरान उन्होंने 25 मोबाइल फोन, छह लैपटॉप और चार स्टोरेज डिवाइस, विभिन्न देशों के मुद्रा नोटों के अलावा आपत्तिजनक दस्तावेज और नकदी बरामद की गयी.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के नवीद, सैयद खैल और बिज्जू, पश्चिम बंगाल के मयूर चक्रवर्ती, पंजाब के नवजोत सिंह, गुजरात के हार्दिक कुमार और करण कुमार, केरल के जॉनसन और मुस्ताक अहमद साथीकली, मुबीथ एवं हसन तथा तमिलनाडु के अल बासम के परिसरों में व्यापक छापेमारी की गयी . अधिकारी ने बताया कि जांच से पता चला है कि भगोड़ों ने लश्कर की गतिविधियों को बढ़ावा देने और गुमनाम रूप से अलग-अलग लोगों तक धन पहुंचाने के लिये देश भर में लोगों का एक नेटवर्क स्थापित किया था.
क्या थी योजना?
एनआईए का कहना है कि नसीर ने लश्कर की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए सबसे पहले जुनैद और सलमान को भर्ती किया। नसीर के कहने पर जुनैद बाकी लोगों के साथ काम करता था।
जुनैद और सलमान ने “फिदायीन [आत्मघाती]” हमले को अंजाम देने और नसीर को अदालत के रास्ते में पुलिस हिरासत से भागने में मदद करने की साजिश के तहत दूसरों को हथियार, गोला-बारूद, हथगोले और वॉकी-टॉकी पहुंचाने की योजना बनाई थी।
जुनैद ने अपने सह-अभियुक्तों को हमले के लिए इस्तेमाल की गई पुलिस कैप चुराने और अभ्यास के तौर पर सरकारी बसों में आग लगाने का भी निर्देश दिया। हथियारों की बरामदगी से साजिश नाकाम हो गई।