विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देंगे। जानकारी के मुताबिक वे शाम चार बजे इस बहस में शामिल होंगे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कल लोकसभा में बताया कि प्रधानमंत्री सदन में मणिपुर को लेकर अपनी बात रखेंगे।
Parliament Monsoon Session: PM Modi to reply to no-confidence motion today in Lok Sabha
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— ANI Digital (@ani_digital) August 10, 2023
मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष ने लाया है अविश्वास प्रस्ताव
मणिपुर पर पीएम के बयान की मांग को लेकर ही विपक्ष की ओर से अविश्नास प्रस्ताव लाया गया है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी चर्चा की शुरुआत करते हुए मणिपुर का मुद्दा जोर-शोर से उठाया वहीं कल राहुल गांधी ने भी मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने मणिपुर को दो हिस्सों में बांट दिया है।
पीएम मोदी ने पल-पल की खबर ली-शाह
हालांकि कल शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने मणिपुर के हालात की पल पल की खबर ली है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है।
मणिपुर की घटना पर राजनीति करना ज्यादा शर्मनाक-शाह
अमित शाह ने कहा कि मणिपुर की घटना शर्मनाक है, लेकिन उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है, सरकार की मंशा वहां जनसांख्यिकी में बदलाव करने की कतई नहीं है, ऐसे में सभी पक्षों को मिलकर उस राज्य में शांति बहाली की अपील करनी चाहिए। अमित शाह ने मणिपुर से जुड़े घटनाक्रम का ब्यौरा दिया और सरकार द्वारा वहां शांति स्थापित करने की दिशा में उठाये गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने मणिपुर में सभी पक्षों से हिंसा छोड़ने की अपील की और कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है।
यह भ्रांति देश की जनता के सामने फैलाई गई है कि सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सत्र आहूत होने से पहले मैंने पत्र लिखकर मणिपुर पर चर्चा के लिए कहा था।
हमारी सरकार ने मणिपुर में शांति के लिए क्या प्रयास किये, ये सभी को जानना आवश्यक है… pic.twitter.com/ta0XuXvwwb
— Amit Shah (@AmitShah) August 9, 2023
शाह ने मणिपुर की घटना के पृष्ठभूमि बताई
मणिपुर के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि 2021 में म्यांमार में सैन्य शासन आया और इसके बाद वहां कुकी समुदाय पर शिकंजा कसा जाने लगा। फिर वहां से भारी संख्या में कुकी आदिवासी मिजोरम और मणिपुर में आने लगे और वे जंगलों में बसने लगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद मणिपुर के बाकी हिस्सों में असुरक्षा की भावना ने जन्म ले लिया। इसके बाद स्थिति को समझते हुए सरकार ने सीमा को बंद करने की दिशा में काम किया।