भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड 9 दिसंबर को होने जा रही है। इस समारोह की इन दिनों पूरे उमंग के साथ रिहर्सल चल रही है। देहरादून आईएमए में हर छह माह में अपनी ट्रेनिंग पूरे करके नए सैन्य अधिकारियों का एक बैच निकलता है।
इस साल के दूसरे बैच में 343 युवा सैन्य अधिकारियों को लेफ्टिनेंट बनने का अवसर मिला है। इन युवाओं को जेएनयू दिल्ली की स्नातक की डिग्री मिलती है। साथ ही इन कैडेट्स को देश की विभिन्न बटालियनों में अलग-अलग मोर्चों पर नियुक्त किया जाता है। इस बार भी 12 मित्र देशों के 29 कैडेट्स भी पास आउट हो रहे हैं। ये कैडेट्स अपने-अपने देशों में सेना में नियुक्तियां पाएंगे। इनमे भूटान, नेपाल आदि देशों के युवा शामिल हैं। पिछली दस जून को हुई पासिंग आउट परेड में 331 युवा सैन्य अफसर बनकर निकले थे।
372 कैडेट होंगे पास आउट
भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से शनिवार को 372 कैडेट पास आउट होंगे। जिसमें 343 भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे, जबकि 12 मित्र देशों के 29 कैडेट भी पास आउट होंगे। इन कैडेट ने मंगलवार को डिप्टी कमांडेंट परेड में कदमताल की। डिप्टी कमांडेंट ने कैडेटों की सराहना की और उन्हें बेहतरीन सैन्य अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सेना की वीरता, सम्मान, लोकाचार और उत्कृष्ट परंपराओं का उल्लेख किया।
बताई कंधे पर लगने वाले सितारे की अहमियत
डिप्टी कमांडेंट ने कहा कि आप जब सितारे लगाते हैं, तो याद रहे कि आपके कंधे पर सैन्य इतिहास, परंपरा और राष्ट्र सेवा में अपना जीवन लगा देने वाले अनगिनत नायकों का भी भार है। यह कभी न भूलें कि एक लीडर होने का मतलब केवल आदेश देना नहीं है, बल्कि उन लोगों का सम्मान और विश्वास अर्जित करना है, जिनका आप नेतृत्व करते हैं। उनके भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करें। ऐसे उदाहरण स्थापित करें कि वे गर्व से आपकी ओर देखें।