केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश कर दिया है. कानून मंत्री ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024′ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024′ को पुर:स्थापित करने के लिए संसद के निचले सदन में पेश किया. वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संबंधी सरकार के विधेयक पर आपत्ति जताते हुए लोकसभा में कहा कि यह संविधान के बुनियादी ढांचे पर हमला करता है और इस सदन के विधायी अधिकार क्षेत्र से परे है, इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए.
Arjun Ram Meghwal, Union Law Minister introduces Constitutional Amendment Bill in Lok Sabha for ‘One Nation, One Election’. pic.twitter.com/pnbQTOcvwX
— ANI (@ANI) December 17, 2024
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लोकसभा में पेश हो गया है और कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह बिल लोकसभा में पेश कर दिया है. वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को संविधान के मूल ढांचे पर हमला बताते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विरोध किया. मनीष तिवारी ने कहा कि इंडिया स्टेट का यूनियन है और यह बिल इसका उल्लंघन है. उधर, राज्यसभा में बीजेपी सांसद जेपी नड्डा ने संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि हमारी संस्कृति में चर्चा की परंपरा रही है. हमारे संविधान निर्माताओं ने इसी को ध्यान में रखकर संविधान का निर्माण किया. हमारे संविधान में अंजाता अलोरा की छाप नजर आती है, कमल का भी छाप दिखता है. कमल इस बात को परिलक्षित करता है कि हम कीचड़(गुलामी) से निकलकर आगे बढ़े हैं. संसद में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही जारी है.
जेडीयू ने किया बिल का समर्थन
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल जेपीसी में भेजा जाए- गौरव गोगोई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ‘ये पहली बार ऐसा कानून लाए हैं कि राष्ट्रपति चुनाव आयोग से भी सलाह लेंगे. हम इसका कड़े शब्दों में विरोध करते हैं. इस बिल के जरिये राष्ट्रपति को ज्यादा शक्ति दी गई है कि वो अब 82 ए के द्वारा विधानसभा को भंग कर सकती है. ये अतिरिक्त शक्ति राष्ट्रपति के साथ चुनाव आयोग को भी दी गई है. 2014 के चुनाव में 3700 करोड़ खर्च हुआ, इसके लिए ये असंवैधानिक कानून लाए हैं. संविधान में लिखा है कि पांच साल के टर्म से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पूरे भारत के चुनाव को छीनें,गे तो हम ये नहीं होने देंगे. हम इसका विरोध करते हैं. इस बिल को जेपीसी में भेजा जाए.
‘जो लोग मौसम देखकर चुनाव की तारीखें बदलते हैं…’, सपा ने किया बिल का विरोध
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल का विरोध करते हुए लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि हम इस बिल का विरोध करते हैं. सिर्फ दो दिन पहले संविधान की कसमें खाने वाले, आज इसे बदलने में कोई कसर नहीं रखी. दो ही दिन के अंदर संघीय ढांचे के खिलाफ ये बिल लाए हैं. जो लोग मौसम देखकर चुनाव की तारीखें बदलते हैं, आठ सीट पर एक साथ चुनाव नहीं करा पाते, वो बात करते हैं एक देश एक चुनाव की. सोचिए एक प्रांत के अंदर सरकार गिरती है, तो पूरे देश का चुनाव कराएंगे? ये बिल संविधान विरोधी, गरीब विरोधी, पिछड़ा विरोधी इस नीयत को वापस लिया जाना चाहिए.
वन नेशन, वन इलेक्शन बिल, एक अल्ट्रा वायरस: TMC
तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल का लोकसभा में जमकर विरोध किया. उन्होंने इस बिल को संविधान पर बड़ा हमला बताते हुए कहा कि ये अल्ट्रा वायरस है. संसद के पास कानून बनाने का अधिकार है, तो राज्य विधानसभा के पास भी कानून बनाने की पावर है. ऑटोनॉमी देश की विधानसभाओं को दूर ले जाएगी, इसलिए हम ये कह रहे हैं कि बिल संविधान विरोधी है.