केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल नहीं होने के सीपीआई (एम) के फैसले पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष किया। समाचार एजेंसी pm modiसे बातचीत में उन्होंने कहा कि सभी को निमंत्रण भेज दिया गया है। जिन्हें भगवान राम ने बुलाया है वे ही राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के लिए अयोध्या पहुंचेंगे।
इससे पहले आज दिन में वरिष्ठ सीपीआई (एम) नेता बृंदा करात ने कहा कि उनकी पार्टी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग नहीं लेगी। अपने एक बयान में बृंदा करात ने कहा कि हम लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन भाजपा धर्म को राजनीति के साथ जोड़ रही है। यह एक धार्मिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण करने का प्रयास है, यह सही नहीं है।
करात ने कहा कि राजनीति और धर्म को अलग रखना चाहिए, इन्हें मिलाने से केवल आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ाया जाता है। जब धर्म का इस्तेमाल एक राजनीतिक हथियार या किसी विचार या एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक हथियार के रूप में किया जाता है तो यह सम्मान खो देता है।
पिछले दिनों सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी को अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा से प्रतिष्ठा समारोह के लिए औपचारिक निमंत्रण मिला। ट्रस्ट ने इस कार्यक्रम में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को भी आमंत्रित किया है। पार्टी की ओर से अभी तक कार्यक्रम में कांग्रेसी नेताओं की उपस्थिति की पुष्टि नहीं की गई है।
आपको बता दें, अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले समारोह में राम लला की मूर्ति की स्थापना की जाएगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सैकड़ों लोग शामिल होंगे। ट्रस्ट ने समारोह के लिए सभी संप्रदायों के 4,000 संतों को भी आमंत्रित किया है। ट्रस्ट ने 22 जनवरी को दोपहर से 12.45 बजे के बीच गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति को विराजमान करने का फैसला किया है। वैदिक पुजारी लक्ष्मी कांत दीक्षित उस दिन अभिषेक समारोह के मुख्य अनुष्ठान करने वाले हैं।