भावनात्मक और तथ्यात्मक वर्णन के साथ ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि और इसके नामकरण का विवरण प्रस्तुत किया है, वह न केवल भारत की सैन्य कार्रवाई की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि इस ऑपरेशन के भावनात्मक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व को भी सामने लाता है।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ न्याय का प्रतीक
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हमले की पृष्ठभूमि: 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले ने देश को झकझोर दिया। धर्म के आधार पर निर्दोष हिंदू तीर्थयात्रियों को निशाना बनाकर उनके परिवारों को तोड़ देने की यह क्रूर साजिश थी।
⮞ आतंकियों ने विशेष रूप से महिलाओं के सामने उनके पतियों को मारकर उस ‘सिंदूर’ को पोंछा जो भारतीय संस्कृति में ‘सुहाग’ का प्रतीक होता है। -
नाम का भावार्थ: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम कोई साधारण नाम नहीं, बल्कि यह एक गहरा सांस्कृतिक और मानवीय उत्तर है उस नृशंसता का, जिसमें निर्दोषों की खुशियां छीनी गईं।
⮞ यह नाम प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सुझाया गया बताया गया है — यह दर्शाता है कि यह केवल सामरिक प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि राष्ट्र की आत्मा से उपजा न्याय था। -
कार्रवाई का स्वरूप:
✔ पाकिस्तान और POK के 9 आतंकी ठिकानों पर संयुक्त सैन्य कार्रवाई
✔ बहावलपुर, कोटली, मुजफ्फराबाद जैसे घने आतंकी नेटवर्क वाले क्षेत्रों को मिसाइल हमलों से निशाना बनाया गया
✔ अब तक की जानकारी के अनुसार, 70 से अधिक लश्कर आतंकवादी और हैंडलर मारे गए
✔ आतंकियों को स्पष्ट संदेश – “सिंदूर छीनने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा” -
राजनीतिक और राष्ट्रीय संदेश:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह स्पष्ट नीति रही है कि आतंक का जवाब आतंक की भाषा में दिया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर इस नीति का निर्णायक उदाहरण है।
#WATCH | कानपुर: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी ने #OperationSindoor पर कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी का बहुत धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने मेरे पति की मौत का बदला लिया। और जिस तरह से उन्होंने (पाकिस्तान को) जवाब दिया, उसने हमारा भरोसा कायम रखा है। यह मेरे पति… pic.twitter.com/se9rqrAj8D
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 7, 2025
भारत का संदेश दुनिया को:
“हमारे सुहाग उजाड़ने वालों को छिपने की जगह नहीं मिलेगी। हमारी चुप्पी कमजोरी नहीं, योजना की शुरुआत होती है। और जब जवाब देंगे, तो ऐसा कि इतिहास याद रखेगा।”
सूनी मांग का बदला ‘ऑपरेशन सिंदूर’
पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी थी. साथ ही सिर्फ पुरुषों को टारगेट किया गया था. आतंकियों का मकसद महिलाओं के सामने उनके सिंदूर को पोंछना था. भारतीय संस्कृति में सिंदूर महिलाएं अपने सुहाग यानी पति की लंबी उम्र के प्रतीक के रूप में लगाती हैं. बैसरन घाटी में आतंकी जब पुरुषों को गोली मार रहे थे, तो उनके परिवारवालों को ये कह रहे थे- जाओ, अपनी सरकार को बता देना… इससे साफ था कि आतंकियों को अपने आकाओं से साफ-साथ निर्देश मिले थे कि सिर्फ सिंदूर मिटाना है यानि हिंदुओं को टारगेट करना है. भारतीय सेना ने भी अब चुन-चुनकर आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया है. भारत ने भी आतंकियों को कड़ा संदेश दिया है कि आतंकी कहीं भी छिप जाएं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
#WATCH | Karnal | " My whole family is with Modi Sahab, who has taken revenge today. I want to tell the Armed Forces personnel to keep moving forward. Today, a tribute has been paid to all those who lost their lives," says Asha Narwal, mother of Indian Navy Lieutenant Vinay… pic.twitter.com/rkEoQbJLVC
— ANI (@ANI) May 7, 2025
आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा
हाथों में चूड़ा और माथे पर सिंदूर… बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को कई नए जोड़े भी घूमने के लिए आए थे, जिनकी नई-नई शादी हुई थी. एक महिला की तो कुछ दिनों पहले ही शादी हुई थी. इस महिला को अपने पति के शव के साथ बैठे देख लोगों की आंखों में आंसू आ गए थे. इन महिलाओं के दुख को पूरे ने महसूस किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले के बाद कहा था कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा. भारतीय ने सेना ने देश के लोगों के आंसुओं का बदला ऑपरेशन सिंदूर से लिया है. संदेश साफ है कि सिंदूर उजाड़ने का करारा जवाब मिलेगा, फिर दुश्मन किसी भी जगह छिपा क्यों न हो.