भारत स्थित पाकिस्तानी उच्च आयोग में काम कर रहे एक अधिकारी को मंगलवार (13 मई 2025) को भारत में सरकार ने ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर दिया था। इससे तिलमिलाए पाकिस्तान ने भी इस्लामाबाद में भारतीय उच्च आयोग के अधिकारी को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित कर 24 घंटे में पाक छोड़ने का समय दे दिया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्च आयोग का एक अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों के खिलाफ काम कर रहा था इसलिए उसे ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया है और 24 घंटे में पाकिस्तान छोड़ने पर निर्देश दिए गए हैं। इस बयान में आगे कहा गया कि भारतीय अधिकारी को मंगलवार को विदेश मंत्रालय बुलाया गया था और पाकिस्तान सरकार के इस फैसले की जानकारी दी गई।
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A Staff Member of the Indian High Commission, Islamabad, Declared as Persona Non Grata
The Government of Pakistan has declared a staff member of the Indian High Commission, Islamabad, as persona non grata for engaging in activities incompatible with his…
— Ministry of Foreign Affairs – Pakistan (@ForeignOfficePk) May 13, 2025
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के एक्शन में भारत में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया। इसके अलावा पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए। इनमें से एक फैसला भारत में स्थित पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारियों की संख्या को घटाना भी था।
इससे पहले भारत सरकार ने पाकिस्तानी दूतावास में काम कर रहे हैं एक अधिकारी को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया था। भारत में इस अधिकारी पर जासूसी में शामिल होने का आरोप लगा था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारी भारत में अपनी स्थिति के अनुरूप गतिविधियों में शामिल नहीं था।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों को मार दिया गया था। इसके बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच में तनाव का माहौल है। जवाबी कार्रवाई में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ मिशन से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एयर स्ट्राइक कर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। इसमें लश्कर-ए-तैयबा, जाश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के लगभग 100 आतंकी मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी में भारत के कुछ शहरों पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया जिसे भारतीय सेना ने असफल कर दिया। हालांकि इस बीच दोनों देशों में कई तरह के अन्य एक्शन भी लिए गए।
क्या होता है ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’
‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ का अर्थ है किसी विदेशी राजनयिक या डिप्लोमैट को मेजबान देश में अवांछित मानना। आमतौर पर यह राजनयिक मामलों में उपयोग होता है। यह फैसला तब लिया जाता है जब कोई अधिकारी ऐसी गतिविधियों में शामिल होता है जिससे मेजबान देश की संप्रभुता या सुरक्षा खतरे में पड़ सकती हो। इस तरह की गतिविधियों में जासूसी करना, कूटनीतिक नियमों का उल्लंघन या कोई अन्य गैरकानूनी काम आदि हो सकते हैं।