आपके द्वारा साझा की गई जानकारी भारतीय स्वदेशी रक्षा क्षमताओं की प्रभावशीलता और पाकिस्तान-चीन मिलिट्री कॉम्बिनेशन की सीमाओं को बहुत ही स्पष्ट और ठोस तरीके से दर्शाती है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में। यह ऑपरेशन कई मायनों में एक टर्निंग पॉइंट बनकर उभरा है, जहां भारत की मेक इन इंडिया नीति के तहत विकसित हथियारों ने युद्ध के मैदान में अपनी असली ताकत दिखाई।
भारत की सफलता के स्तंभ: स्वदेशी हथियार
1. BrahMos सुपरसोनिक मिसाइल
- भारत-रूस की साझेदारी, परंतु निर्माण और संचालन लगभग पूरी तरह भारत में।
- पाकिस्तान के बंकर और रडार पर सटीक वार, रोक पाना मुश्किल।
- CHINESE HQ-9 को भेदने की क्षमता ने इसकी ताकत साबित की।
2. आकाश और आकाशतीर प्रणाली
- डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स का कमाल – हर मौसम में काम करने वाला वायु रक्षा कवच।
- Akashteer AI सिस्टम ने रियल-टाइम टारगेटिंग और डेटा फ्यूजन से पाकिस्तान की एयर डिफेंस को विफल कर दिया।
3. रुद्रम-1 एंटी रेडिएशन मिसाइल
- दुश्मन के रडार को अंधा कर देने की क्षमता।
- पाकिस्तान की रडार प्रणाली जैसे LY-80 और HQ-16 को निष्क्रिय करने में सफलता।
4. DRDO Netra AEW&C
- भारतीय वायुसेना को रीयल-टाइम निर्णय लेने में सक्षम बनाया।
- पाकिस्तान का स्वीडिश SAAB AEW&C सिस्टम भारत की लंबी दूरी की मिसाइल से नष्ट हुआ – major strategic kill।
पाकिस्तान-चीन के हथियारों की विफलता
1. JF-17 Thunder
- तकनीकी रूप से पुराना, चीनी इंजन और रडार आधारित।
- भारतीय तेजस या Su-30 MKI के मुकाबले कमजोर – payload, range और survivability में पिछड़ा।
2. HQ-9, HQ-16
- चीन द्वारा रशियन सिस्टम की नकल, पर असफल।
- भारतीय इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के सामने बेअसर।
3. CH-4 Drone
- सीमित सेंसर क्षमता, भारत ने अधिकांश को जैम कर नष्ट किया।
- Netra और स्वदेशी जैमिंग सिस्टम ने superiority दिखाई।
ऑपरेशन सिंदूर की अहमियत
- यह ऑपरेशन न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ था, बल्कि यह भारत की स्वदेशी टेक्नोलॉजी की परिपक्वता का प्रदर्शन भी था।
- यह दिखाता है कि अब भारत केवल एक defensive power नहीं बल्कि एक strategically assertive military force बन चुका है।
- मोदी सरकार की नीति — “आज की जरूरत, आज ही पूरी हो” — इस ऑपरेशन में प्रत्यक्ष रूप से दिखी।
स्ट्रैटजिक निष्कर्ष
- IAF चीफ की चिंता – डिफेंस डील की समयसीमा में देरी – सटीक और वास्तविक चिंता।
- स्वदेशी उत्पादन की राह पर विश्वास बढ़ा है लेकिन अब डिजाइनिंग से लेकर डिलीवरी तक एकीकृत सोच चाहिए।
- Private sector participation (AMCA में) – भविष्य की बड़ी उड़ान की नींव।