मुंबई में 1993 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के गुनहगारों में से एक टाइगर मेनन को पाकिस्तान ने अपने यहां पनाह दे रखी है. कराची में उसका ठिकाना है जिसका पता हाथ लगा है. 30 साल के बाद पहली बार 1993 में 12 अप्रैल के दिन मुंबई में 12 जगहों पर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मास्टरमाइंड की तस्वीर सामने आई है. कराची में स्थित उसके घर की तस्वीर भी सामने आई है. टाइगर मेनन पाकिस्तान के कराची के सबसे पॉश इलाके डिफेंस हाउसिंग आथॉरिटी में बने आलीशान बंगले में रहता है.
कराची के इस पॉश इलाके को पाकिस्तान आर्मी ने डेवलप किया है. यहां पाकिस्तान आर्मी के अफसर और अन्य बड़े सरकारी अधिकारी रहते हैं. एनआईए ने अपने दस्तावेज में टाइगर मेमन के पाकिस्तान में दो एड्रेस लिखे हुए हैं, जिसमें पहला है – HOUSE NO- 34A, STREET-29, PHASE-V,DHA KARANCHI, PAKISTAN. बंगले के चारों ओर हथियारबंद सुरक्षा कर्मियों का कड़ा पहरा रहता है. आप इस वीडियो में भी देख सकते हैं कि कैसे टाइगर मेमन जिस बंगले में रहता है उसकी दीवारों पर सीमेंट की बोरियों रख गई हैं और बाहर आर्मी के जवान पहरा दे रहे हैं.
भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी इस बंगले में पाकिस्तान आर्मी के सुरक्षा घेरे में रहता है. पाकिस्तनी खुफिया एजेंसी ISI और सेना के अधिकारी टाइगर से मिलने आते रहते हैं. NIA के मुताबिक टाइगर मेमन का एक और बंगला कराची के इस इलाके में है जिसका एड्रेस है- HOUSE NO- 1/A2, GOLF COURSE ROAD-1, PHASE IV,DHA,KARACHI PAKISTAN. एनआईए के मुताबिक कराची जिस बंगले में टाइगर मेमन रहता है उससे कुछ ही दूरी पर एक शापिंग मॉल है, जिसमें उसका एक ऑफिस भी है. वह कड़ी सुरक्षा के बीच अपने दफ्तर में कभी-कभार जाता है. वह यहीं से दाऊद इब्राहिम के ड्रग और एक्सटॉर्शन कारोबार को चलाता है. यह पूरा एरिया सीसीटीवी की निगरानी में है.
टाइगर मेमन का असली नाम इब्राहिम मेमन है
टाइगर मेमन का असली नाम इब्राहिम मेमन है. अंडरवर्ल्ड में आने के बाद उसका नाम इब्राहिम से टाइगर पड़ गया. मुंबई को दहलाने वाले 1993 के सीरियल ब्लास्ट को दाऊद इब्राहिम के इशारे पर टाइगर मेमन ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से अंजाम दिया था. पाकिस्तान ने समुद्र के रास्ते RDX मुंबई भेजा था, जिसे टाइगर ने रिसीव किया और अपने गुर्गों तक पहुंचाया. बम धमाकों के पहले ही दाऊद और टाइगर मुंबई से दुबई फरार हो गए थे. ISI ने बाद में दोनों को पाकिस्तान शिफ्ट करवा दिया था. अब ये दोनों कराची में रहते हैं और वहीं से अपने अवैध इंटरनेशनल ड्रग नेटवर्क को संचालित करते हैं.
उसका परिवार मुंबई का ही रहने वाला था. इस परिवार के मुखिया अब्दुल रज्जाक मेमन थे, जो एक कारोबारी थे. वह अपनी पत्नी हनीफा और छह बेटों के साथ मुंबई के भिंडी बाजार इलाके में रहते थे. परिवार का सबसे छोटा बेटा इब्राहिम उर्फ टाइगर मेमन 80 के दशक में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के संपर्क में आया और उसके काले धंधे से जुड़ गया. टाइगर मेमन का दूसरा भाई याकूब मेमन एक चार्टेड अकाउंटेंट था. वह भी अपने भाई टाइगर के काले धंधे से जुड़ गया. याकूब का काम था टाइगर की काली कमाई को सुरक्षित ठिकाने लगाना.
याकूब मेमन को 1994 में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. टाइगर के पिता रज्जाक, मां हनीफा, भाई ईसा और युसूफ, याकूब की पत्नी राहिना, बड़े भाई की पत्नी रुबीना को भी मुंबई ब्लास्ट का आरोपी बनाया गया था. मुंबई की विशेष टाडा अदालत ने नवंबर 2006 में 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में फैसला सुनाया. कुल 600 लोगों की गवाही और सबूतों के आधार पर इस केस में 100 लोग दोषी साबित हुए. दोषियों में याकूब मेमन, यूसुफ मेमन, ईसा मेमन और रुबीना मेमन का नाम भी शामिल था, जबकि मुख्य आरोपी टाइगर मेमन फरार था.
अदालत ने याकूब मेमन को मुंबई बम धमाकों में उसकी संलिप्तता के लिए मौत की सजा सुनाई. उसे नागपुर सेंट्रल जेल में 30 जुलाई 2015 को फांसी दी गई थी. टाडा कोर्ट ने याकूब मेमन को अपने भाई टाइगर के फंड को संभालने, 15 युवाओं की ट्रेनिंग फंड करने, उन्हें हथियार और गोला-बारूद संभालने के लिए एक गुप्त स्थान पर भेजने, बमबारी में इस्तेमाल किए गए वाहनों को खरीदने, गोला-बारूद और हथियारों को स्टोर करने के का दोषी पाया था.