प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की मंत्रिस्तरीय बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए समावेशिता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत के इसमें बड़ी भूमिका निभाने से आईईए को फायदा होगा।
International Energy Agency will benefit when India plays bigger role in it: PM Modi
Read @ANI Story | https://t.co/7n0KRHobTA#InternationalEnergyAgency #IEA #India #PMModi pic.twitter.com/m2ZSNYAL7E
— ANI Digital (@ani_digital) February 14, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समावेशिता किसी भी संस्थान की विश्वसनीयता और क्षमता को बढ़ाती है। 1.4 अरब भारतीय प्रतिभा, प्रौद्योगिकी और नवाचार के साथ तैयार हैं। हम प्रत्येक मिशन में पैमाना और गति, मात्रा और गुणवत्ता लाते हैं। प्रधानमंत्री ने आईईए की मंत्रिस्तरीय बैठक के सफल होने की कामना की और कहा कि हमें एक स्वच्छ, हरित और समावेशी विश्व का निर्माण करना है।
#WATCH | During the International Energy Agency’s Ministerial Meeting, Prime Minister Narendra Modi says "In one decade, we went from the 11th largest economy to the 5th largest economy in the world. In the same period, our solar energy capacity grew 26 folds, our renewable… pic.twitter.com/UIFZlTF5jb
— ANI (@ANI) February 14, 2024
जलवायु परिवर्तन के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में विश्व की 17 प्रतिशत आबादी है। हम बिजली उपलब्ध कराने की दुनिया की कुछ सबसे बड़ी पहल चला रहे हैं। हमारा कार्बन उत्सर्जन वैश्विक उत्सर्जन का 4 प्रतिशत ही है। हमारा एक सामूहिक और सक्रिय दृष्टिकोण है। भारत पहले ही अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसी पहल का नेतृत्व कर चुका है। हमारा मिशन लाइफ सामूहिक प्रभाव के लिए ग्रह अनुकूल जीवनशैली विकल्पों पर केंद्रित है।
#WATCH | During the International Energy Agency’s Ministerial Meeting, Prime Minister Narendra Modi says "Reuse and Recycle is a part of India's traditional way of life. India's G20 presidency also saw a significant action on this project. The launch of the global bio-fuel… pic.twitter.com/LoqACP9qqQ
— ANI (@ANI) February 14, 2024
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। सतत विकास के लिए ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता की आवश्यकता है। एक दशक में हम 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गये। इसी अवधि में हमारी सौर ऊर्जा क्षमता छब्बीस गुना बढ़ गई। हमारी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता भी दोगुनी हो गई। हमने इस संबंध में अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं को समय सीमा से पहले ही पार कर लिया है।