प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर में बिजनेस लीडर्स समिट को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कहा, “हम भारत में कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह मेरा तीसरा कार्यकाल है। जो लोग भारत से परिचित हैं, उन्हें पता होगा कि 60 वर्षों के बाद किसी सरकार को तीसरी बार जनादेश मिला है। इसके पीछे का कारण मेरी सरकार की नीतियों में लोगों का विश्वास है। अगर दुनिया में कोई सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन क्षेत्र है, तो वह भारत में है। एमआरओ ( Maintenance, Repair and Operations) होना हमारी प्राथमिकता है। आपको (व्यवसायों को) हवाई अड्डों के विकास में निवेश करने के लिए भारत आना चाहिए।”
‘सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं’
सिंगापुर में बिजनेस लीडर्स समिट के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “हम पूर्वानुमानित और प्रगतिशील नीतियों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। भारत में राजनीतिक स्थिरता है। हम सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हम इस क्षेत्र में एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने जा रहे हैं। भारत में टियर 2 और टियर 3 शहरों में स्टार्टअप बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं।”
#WATCH | During the Business Leaders' summit in Singapore, PM Modi says, "We are going forward with predictable and progressive policies…There is political stability in India. We are moving ahead aggressively in the area of semiconductors. We are going to make a whole ecosystem… pic.twitter.com/PbVQkclbSK
— ANI (@ANI) September 5, 2024
ग्लोबल जॉब मार्केट से जुड़ा है स्किल डेवलपमेंट
पीएम मोदी ने कहा, “भारत की जरूरतों के साथ स्किल डेवलपमेंट एक ग्लोबल जॉब मार्केट से भी जुड़ा हुआ है। अगर आपकी कंपनियां ग्लोबली क्या चल रहा है, उसका सर्वे करें, ग्लोबल डिमांड का एनालिसिस करें और उसके मुताबिक भारत में स्किल डेवलपमेंट के लिए आएं, तो ग्लोबल जॉब मार्केट को बड़ी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।” उन्होंने कहा “भारत के पास टैलेंट है और उसका लाभ दुनिया को मिलेगा। दुनिया में जितना रियल टाइम ट्रांजैक्शन होता है, उसका 50 प्रतिशत अकेले भारत में होता है। फिनटेक की दुनिया में अगर ग्लोबल लीडर बनना है, तो भारत को केंद्र बिंदु बनाकर बड़ी आसानी से आप फिनटेक की दुनिया में आगे आ सकते हैं।”
उर्जा के क्षेत्र में भारत कर रहा है काम
बिजनेस लीडर्स समिट में बायो फ्यूल को लेकर पीएम मोदी ने कहा, “हमने 500 गीगावाट का टारगेट रखा है, 2030 तक इसे हासिल करना है। भारत न्यूक्लियर, हाइड्रो, सोलर और विंड पर जाना चाहता है। हमने बॉयो फ्यूल की पॉलिसी भी बनाई है, भारत इसको लीड करना चाहता है।”
भारत और सिंगापुर के बीच हुई अहम डील
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगापुर दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर फील्ड में पार्टनरशिप को लेकर डील हुई है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मौजूदगी में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में समझौते पर हस्ताक्षर हुए। अब इस समझौते के बाद भारत में सिंगापुर की सेमीकंडक्टर कंपनियों की एंट्री का रास्ता आसान हो जाएगा। सिंगापुर सरकार की ओर से बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। दोनों देशों ने इस समझौते को इंडिया सिंगापुर सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पार्टनरशिप नाम दिया गया है।