प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में स्पष्ट, ठोस और कड़े शब्दों में पाकिस्तान और दुनिया को भारत की नई सुरक्षा नीति का संदेश दिया है। यह संबोधन न केवल एक जवाबी कार्रवाई का विवरण था, बल्कि यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ दीर्घकालिक रणनीति और दृढ़ संकल्प की घोषणा भी थी।
संबोधन के मुख्य बिंदु:1. ऑपरेशन सिंदूर — निर्णायक जवाब2. भारत की सैन्य क्षमता का प्रदर्शन3. “जवाबी कार्रवाई स्थगित है, खत्म नहीं”4. भारत की तीन नई नीति घोषणाएँ (New Normal)5. न्यूक्लियर ब्लैकमेल पर दो टूक6. वैश्विक समुदाय को संदेश7. शक्ति के बिना शांति नहीं8. ऑपरेशन सिंदूर — न्याय की प्रतिज्ञानिष्कर्ष: भारत का बदला हुआ रुख
संबोधन के मुख्य बिंदु:
1. ऑपरेशन सिंदूर — निर्णायक जवाब
- 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया।
- इस ऑपरेशन में पीओके और पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए गए, 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए।
- ये सभी आतंकवादी दशकों से पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे थे और भारत विरोधी साजिशों में शामिल थे।
2. भारत की सैन्य क्षमता का प्रदर्शन
- पाकिस्तान द्वारा की गई ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिशों को भारत ने आसमान में ही नष्ट कर दिया।
- एयर डिफेंस सिस्टम, ड्रोन और मिसाइलों के जरिये भारत ने पाकिस्तानी एयरबेस को भारी नुकसान पहुँचाया।
- यह दिखाया गया कि भारत अब जवाबी कार्रवाई को टालता नहीं है — वह सीधा, सटीक और समयबद्ध प्रहार करता है।
3. “जवाबी कार्रवाई स्थगित है, खत्म नहीं”
- मोदी ने स्पष्ट कहा कि यह ऑपरेशन समाप्त नहीं, केवल स्थगित है।
- पाकिस्तान के भविष्य के कदमों को भारत कसौटी पर कसेगा — अगर आतंकवाद जारी रहा, तो भारत फिर से कार्रवाई करेगा।
4. भारत की तीन नई नीति घोषणाएँ (New Normal)
मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत ने अब एक “नई लकीर” खींच दी है:
- “हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देंगे।”
- “न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब नहीं चलेगा।”
- “हम आतंकी और उसे पालने वाले को अलग नहीं मानते।”
5. न्यूक्लियर ब्लैकमेल पर दो टूक
- पाकिस्तान की परमाणु धमकियों को भारत ने खारिज किया।
- कहा, “अगर आतंकियों को परमाणु हथियारों की ढाल में पाला जाएगा, तो भारत वहीं प्रहार करेगा।”
6. वैश्विक समुदाय को संदेश
- “टेरर और टॉक एक साथ नहीं चल सकते।”
- “ट्रेड और टेरर एक साथ नहीं हो सकते।”
- “पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकते।”
- भारत अब पाकिस्तान से कोई संवाद करेगा, तो वह केवल दो मुद्दों पर होगा:
- आतंकवाद
- पाक अधिकृत कश्मीर (PoK)
7. शक्ति के बिना शांति नहीं
- मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर शांति का संदेश भी दिया, लेकिन कहा:
“शांति का रास्ता शक्ति से होकर जाता है।”
- भारत शांति चाहता है, लेकिन सशक्त भारत ही शांति और समृद्धि की गारंटी है।
8. ऑपरेशन सिंदूर — न्याय की प्रतिज्ञा
- मोदी ने इसे हर माँ, बहन और बेटी को समर्पित किया।
- इसे सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि “न्याय की प्रतिज्ञा” बताया।
निष्कर्ष: भारत का बदला हुआ रुख
प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन भारत की रणनीतिक सोच में आए बदलाव को दर्शाता है — अब भारत प्रतिक्रियावादी नहीं, बल्कि निष्क्रिय आतंक पर आक्रामक रणनीतिक धार अपनाता है।
अब किसी भी आतंकी हरकत का मतलब होगा सीधी सैन्य कार्रवाई, और यदि पाकिस्तान फिर गलती करता है, तो अगला कदम और भी सख्त होगा।