भारत सरकार ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत जो निर्णायक सैन्य कार्रवाई की है, वह न केवल आतंक के खिलाफ कड़ा संदेश है, बल्कि यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में एक “न्यायिक प्रतिरोध” (Just Retaliation) की स्पष्ट अभिव्यक्ति भी है।
यहाँ पर कुछ प्रमुख बिंदुओं का विश्लेषण प्रस्तुत है:
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई
1. आतंकियों का वहशियाना हमला (22 अप्रैल, 2025)
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स्थान: पहलगाम, जम्मू-कश्मीर
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शिकार: 26 निर्दोष नागरिक
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पद्धति: धर्म पूछ-पूछकर हत्या — यह इस्लामी कट्टरवाद की बर्बर सोच का परिचायक
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प्रतिक्रिया: देशभर में आक्रोश, अंतरराष्ट्रीय निंदा
2. भारत की जवाबी कार्रवाई — ऑपरेशन सिंदूर (6 मई, 2025 की रात)
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लक्ष्य: पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकाने
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स्थान: मुजफ्फराबाद, कोटली, भीमबर (PoK), बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट (पाकिस्तान)
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हथियार:
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SCALP मिसाइल (राफेल से)
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HAMMER बम
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Loitering munitions (नौसेना)
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लॉन्ग-रेंज ग्राउंड मिसाइलें (सेना)
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परिणाम: 80+ आतंकियों का खात्मा, आतंकी प्रशिक्षण केंद्र नष्ट
3. प्रधानमंत्री मोदी का विदेश दौरा रद्द
विवरण | जानकारी |
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नियोजित दौरा | क्रोएशिया, नॉर्वे, नीदरलैंड्स (यूरोप) |
तारीखें | मई 2025 (पूर्व निर्धारित) |
रद्द करने का कारण | सुरक्षा हालात, ऑपरेशन सिंदूर की निगरानी |
अन्य दौरा जो रद्द हुआ | रूस (9 मई): WWII में नाज़ी जर्मनी पर विजय की 80वीं वर्षगांठ |
स्थिति | भारत का प्रतिनिधित्व अब अधिकारी करेंगे |
🔹 पीएम मोदी ने 6-7 मई की रात निजी रूप से ऑपरेशन की निगरानी की।
🔹 एयर डिफेंस अलर्ट, सशस्त्र बल पूरी तरह सतर्क।
4. अगला कदम: राजनीतिक एकजुटता
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सर्वदलीय बैठक: गुरुवार, 8 मई को सुबह 11 बजे
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उद्देश्य:
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राष्ट्रीय सुरक्षा पर सभी दलों को जानकारी देना
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राजनीतिक सहमति और एकता बनाना
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अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति को मज़बूत बनाना
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राजनयिक संकेत:
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पीएम मोदी का विदेश दौरा रद्द करना यह दर्शाता है कि भारत वर्तमान में अपनी आंतरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है।
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यह वैश्विक स्तर पर भी यह संदेश है कि भारत अब “घाव सहने वाला नहीं, जवाब देने वाला राष्ट्र” बन चुका है।