प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान के हिरोशिमा में है. इस दौरान उन्होंने सम्मेलन के 6वें कार्य सत्र को संबोधित किया. पीएम मोदी ने सबसे पहले जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा को G-7 Summit के सफल आयोजन के लिए बधाई दी. प्रधानमंत्री ने ग्लोबल फूड सिक्योरिटी के विषय पर इस फोरम के लिए कुछ सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा कि इंक्लूसिव (समावेशी) फूड सिस्टम का निर्माण करना चाहिए, जिसमें विश्व के सबसे कमजोर लोगों खास कर सीमांत किसान पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए.
पीएम मोदी का कहना है कि ग्लोबल फर्टिलाइजर सप्लाई चैन को मजबूत करना होगा. इनमें आई राजनीतिक रुकावटों को दूर करना है और फर्टिलाइजर रिसोर्स पर कब्जा करने वाली विस्तारवादी मानसिकता पर रोक लगानी होगी. यह हमारे सहयोग के उद्देश्य होने चाहिए. विश्व भर मे फर्टिलाइजर के विकल्प के रूप में हम प्राकृतिक फार्मिंग का नया मॉडल तैयार कर सकते हैं. उनका मानना है कि डिजिटल टेक्नोलॉजी का लाभ विश्व के हर किसान तक पहुंचाना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने जी-7 में कहा कि ऑर्गेनिक फूड को फैशन स्टेटमेंट और कॉमर्स से अलग कर पोषण और हेल्थ से जोड़ने का हमारा प्रयास हो. यूएन ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है. मिलेट्स पोषण, जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण और खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों को एक साथ संबोधित करते हैं. इस पर जागरूकता पैदा करना चाहिए. भोजन की बर्बादी को रोकना सामूहिक रूप से जिम्मेदारी होनी चाहिए. ये स्थायी वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक है.
पीएम मोदी ने कोरोना महामारी के दौर को लेकर कहा कि कोविड ने इंसानियत के सहयोग और सहायता के परिपेक्ष को चैलेंज किया है. वैक्सीन और दवाइयों की उपलब्धता को मानव भलाई के स्थान पर राजनीति से जोड़ा गया. हेल्थ सिक्योरिटी का भविष्य में क्या स्वरूप हो इस पर आत्मचिंतन आवश्यक है. इस विषय में कुछ सुझाव हैं.
हेल्थ सिक्योरिटी के भविष्य पर पीएम मोदे के सुझाव
• रेसिलिएंट हेल्थकेयर सिस्टम्स की स्थापना हमारी प्राथमिकता हो.
• होलिस्टिक हेल्थकेयर हमारा मूलमंत्र हो. ट्रेडिशनल मेडिसिन का प्रसार, विस्तार और इसमें जॉइंट रिसर्च हमारे सहयोग का उद्देश्य हो.
• वन अर्थ-वन हेल्थ हमारा सिद्धांत, और डिजिटल हेल्थ, यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज हमारे लक्ष्य होने चाहिए.
• मानव जाति की सेवा मे अग्रसर डॉक्टर और नर्सेज की मोबिलिटी हमारी प्राथमिकता हो.
पीएम मोदी ने कहा कि आज महिलाओं का विकास भारत में चर्चा का विषय नहीं है, क्योंकि आज हम वूमेन-लीड डेवलपमेंट में अग्रणी हैं. भारत की राष्ट्रपति एक महिला हैं जो ट्राइबल क्षेत्र से आती हैं. ग्रासरूट लेवल पर 33 प्रतिशत सीट्स महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. वे हमारी निर्णय लेने प्रक्रिया का अभिन्न अंग हैं. ट्रांसजेंडर के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए हमने कानून बनाया है और सभी को जानकर खुशी होगी कि भारत में एक रेलवे स्टेशन ऐसा है जिसे ट्रांसजेंडर लोग ही पूरी तरह चलाते हैं. उन्हें विश्वास है कि आज की चर्चा G20 और G7 के एजेंडा के बीच एक महत्वपूर्ण लिंक बनाने में लाभकारी होगी और ग्लोबल साउथ की आशाओं और अपेक्षाओं को प्राथमिकता देने मे सफल होगी.