केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री का कार्यभार संभाला. मंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया. साथ ही साथ उन्होंने बताया कि उन्हें ये मंत्रालय क्यों सौंपा गया है. जीतन राम मांझी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संस्थापक हैं और वह एनडीए का हिस्सा हैं. बिहार की गया सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं.
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, ‘मुझे प्रधानमंत्री ने कहा कि मांझी जी मैं आपको अपने विजन का विभाग दे रहा हूं. हमारा विजन है गरीबों का उत्थान हो. जहां विकास की रोशनी नहीं गई है वहां विकास पहुंचे. इस विभाग के माध्यम से आप बहुत कुछ कर सकते हैं. इसलिए आपको ये विभाग दिया गया है. मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूं कि PM नरेंद्र मोदी मुझे इस लायक समझते हैं.’
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "मुझे प्रधानमंत्री ने कहा कि मांझी जी मैं आपको अपने विजन का विभाग दे रहा हूं। हमारा विजन है गरीबों का उत्थान हो। जहां विकास की रौशनी नहीं गई है वहां विकास पहुंचे। इस विभाग के माध्यम से आप बहुत कुछ… pic.twitter.com/T6KqeUGBwC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 11, 2024
‘जब लिलाफा खोला तो देखकर खुशी हुई’
उन्होंने कार्यभार संभालने को लेकर कहा, ‘हमारा बचपन से कॉन्सेप्ट रहा है कि कोई काम छोटा नहीं होता है. काम ही पूजा होती है. कल मैंने जैसे ही लिफाफा खोला और मंत्रालय को देखा तो मन में बहुत खुशी हुई.’ केंद्रीय मंत्री ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वे ऐसे नेता हैं जो देश के सभी तबके के लोगों को जानते हैं कि किसे-कहां जरूरत है, उसी हिसाब से वह काम करते है. यही वजह है कि वह तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं.
लगातार दो बार हारे गया सीट से चुनाव
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी को केवल एक गया सीट ही दी थी, जिस पर खुद मांझी ने चुनाव लड़ा. इस बार उनका भाग्य चमक गया और जीत हासिल कर कैबिनेट मंत्री बने. वह गया लोकसभा सीट से 2014 और 2019 में भी चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. 2014 के चुनाव में उन्होंने जेडीयू की टिकट पर ताल ठोकी थी, लेकिन शिकस्त मिली. इसके 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी ही पार्टी के बैनर तले चुनावी अखाड़े में उतरे, लेकिन दोबारा फिर उन्हें असफलता हाथ लगी. वह बिहार के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.