महाकुंभ 2025 का शुभारंभ प्रयागराज में भव्यता और श्रद्धा के साथ हुआ, जो भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारतीय संस्कृति और आस्था का उत्सव बताते हुए श्रद्धालुओं और पर्यटकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि महाकुंभ भारतीय मूल्यों का प्रतीक है, जो आस्था और सद्भाव का जश्न मनाने का अवसर है।
I am happy to see Prayagraj abuzz with countless people coming there, taking the holy dip and seeking blessings.
Wishing all pilgrims and tourists a wonderful stay.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 13, 2025
क्या बोले पीएम मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार की सुबह X पर ट्वीट करते हुए कहा- “पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़े इस दिव्य अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं का हृदय से वंदन और अभिनंदन करता हूं। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का यह विराट उत्सव आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही कामना है।”
पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़े इस दिव्य अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं का हृदय से वंदन और अभिनंदन करता हूं। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का यह विराट उत्सव आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 13, 2025
संगम पर श्रद्धालुओं का सैलाब
पौष पूर्णिमा के अवसर पर संगम घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। रात के समय से ही लोग संगम में स्नान के लिए आने लगे। हर-हर गंगे और जय गंगा मैया के जयघोष के साथ श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान किया। इस दौरान संगम क्षेत्र में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के विशेष इंतजाम किए गए।
विदेशी पर्यटकों की भागीदारी
महाकुंभ के आयोजन ने न केवल देश के बल्कि विदेश के पर्यटकों का भी ध्यान आकर्षित किया। साउथ कोरिया और जापान से आए पर्यटक महाकुंभ के भव्य आयोजन और जनसैलाब को देखकर प्रभावित हुए। कोरियाई यूट्यूबर्स ने अपने कैमरों से आयोजन के विभिन्न दृश्यों को कैद किया, जबकि जापानी पर्यटक स्थानीय गाइडों से आयोजन के महत्व और इतिहास की जानकारी ले रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक्स पर पोस्ट कर पौष पूर्णिमा की शुभकामनाएं दीं और इस आयोजन को सफल बनाने के लिए श्रद्धालुओं और प्रशासन का आभार प्रकट किया। संगम पर कल्पवासियों ने भी अपने अनुष्ठानों की शुरुआत की, जो एक महीने तक चलेगी।
जहां संस्कृतियों का संगम भी है, श्रद्धा और समरसता का समागम भी है।
'अनेकता में एकता' का संदेश देता महाकुम्भ-2025, प्रयागराज मानवता के कल्याण के साथ ही सनातन से साक्षात्कार करा रहा है।#एकता_का_महाकुम्भ pic.twitter.com/kZt5xtBItW
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 13, 2025
मेला क्षेत्र में प्रबंधन
प्रयागराज में मेला क्षेत्र में भव्य व्यवस्था की गई है:
- सुरक्षा: पुलिस और सिविल डिफेंस के वॉलंटियर भीड़ प्रबंधन में जुटे रहे। घाटों पर लाउडस्पीकर और हैंड लाउडर के माध्यम से निर्देश दिए जा रहे थे।
- सुविधाएँ: श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी और स्थायी घाट, रैन बसेरे, और आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गई है।
- विदेशी पर्यटक केंद्र: विदेशी पर्यटकों के लिए योग, आयुर्वेद और पंचकर्म की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
प्रमुख स्नान पर्व
महाकुंभ के दौरान कुल छह अमृत स्नान आयोजित होंगे:
- 14 जनवरी: मकर संक्रांति
- 29 जनवरी: मौनी अमावस्या
- 3 फरवरी: वसंत पंचमी
- 12 फरवरी: माघी पूर्णिमा
- 26 फरवरी: महाशिवरात्रि
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ भारतीय धर्म और संस्कृति का सबसे बड़ा आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं। यह न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र है, बल्कि विदेशी पर्यटकों को भारतीय आध्यात्मिकता से जोड़ने का माध्यम भी है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा दी गई शुभकामनाएँ इस आयोजन के महत्व और भव्यता को और बढ़ाती हैं। महाकुंभ 2025 न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि भारतीय संस्कृति और उसकी विरासत का वैश्विक उत्सव है।