प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ब्राजील दौरे के दौरान रियो डी जनेरियो में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने कई द्विपक्षीय वार्ताएं भी कीं, जिनमें चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट के साथ हुई बैठक विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
द्विपक्षीय वार्ता के प्रमुख बिंदु:
- भारत-चिली संबंधों को गहराई देने पर चर्चा:
- दोनों नेताओं ने फार्मास्यूटिकल्स, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
- पीएम मोदी ने चिली में आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता का स्वागत किया और इसे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का एक नया आयाम बताया।
- आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा:
- चिली में आयुर्वेद के प्रति बढ़ते रूझान को देखते हुए, इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग के लिए एक संभावित क्षेत्र के रूप में देखा गया।
- ट्वीट का संदेश:
- पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा:
“रियो डी जनेरियो में चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट से मुलाकात की। विभिन्न क्षेत्रों में चिली के साथ भारत के संबंध मजबूत हो रहे हैं। हमारी बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि फार्मास्यूटिकल्स, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में संबंधों को कैसे गहरा बनाया जाए। यह देखकर खुशी हो रही है कि चिली में आयुर्वेद को लोकप्रियता मिल रही है। यह भी एक ऐसा क्षेत्र है जहां संबंधों को गति मिल सकती है।”
- पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा:
भारत-चिली संबंधों का महत्व:
- व्यापार: चिली, भारत के लिए लैटिन अमेरिका का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है, खासकर खनिज और प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र में।
- स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी: आयुर्वेद, फार्मास्यूटिकल्स और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग, चिली में भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाने का एक जरिया है।
- अंतरिक्ष: इस क्षेत्र में भारत की विशेषज्ञता चिली जैसे देशों के लिए लाभप्रद हो सकती है।
पीएम मोदी का यह दौरा भारत और लैटिन अमेरिकी देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के प्रयासों का हिस्सा है।
Met the President of Chile, Mr. Gabriel Boric Font in Rio de Janeiro. India’s ties with Chile are getting stronger across various sectors. Our talks focused on how to deepen relations in pharmaceuticals, technology, space and more. It is gladdening to see Ayurveda gaining… pic.twitter.com/9TxtrbXnb1
— Narendra Modi (@narendramodi) November 19, 2024
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति और पीएम मोदी की मुलाकात
चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक के साथ वार्ता के बाद पीएम मोदी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। मुलाकात को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ”अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ शानदार बैठक हुई। भारत अर्जेंटीना के साथ घनिष्ठ मित्रता को संजोए हुए है। हमारी रणनीतिक साझेदारी के 5 वर्ष पूरे हो गए हैं, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में बहुत अधिक जीवंतता आई है। हमने ऊर्जा, रक्षा उत्पादन, व्यापार और संस्कृति में संबंधों को बढ़ाने के बारे में बात की।”
Had an outstanding meeting with President Javier Milei of Argentina. India cherishes the close friendship with Argentina. Our Strategic Partnership marks 5 years, adding immense vibrancy to bilateral relations. We talked about enhancing ties in energy, defence production, trade… pic.twitter.com/xepTJgyiDQ
— Narendra Modi (@narendramodi) November 19, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील में G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद, गुयाना की ऐतिहासिक यात्रा पर जाएंगे। यह यात्रा गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के निमंत्रण पर हो रही है और इसे भारत और कैरेबियन देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
यात्रा की खास बातें:
- गुयाना में भारतीय प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा:
- यह पिछले 50 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी।
- यह भारत और गुयाना के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने का अवसर है।
- गुयाना-भारत संबंध:
- गुयाना में भारतीय मूल के लोगों की एक बड़ी आबादी है, जिनके पूर्वज उत्तर प्रदेश, बिहार, और झारखंड से गए थे।
- दोनों देशों के बीच मजबूत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं।
- भारत गुयाना के ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश कर रहा है, खासकर तेल और गैस में।
- प्रधानमंत्री का एजेंडा:
- राष्ट्रपति इरफान अली के साथ द्विपक्षीय वार्ता।
- वाणिज्य, निवेश, और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा।
- गुयाना के भारतीय समुदाय से मुलाकात और उनके योगदान को सराहना।
- India-CARICOM Summit में भारत और कैरेबियन देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा।
- भारत और गुयाना के प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग:
- ऊर्जा सुरक्षा: गुयाना के अपार तेल और गैस संसाधनों के कारण भारत के लिए यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है।
- स्वास्थ्य और शिक्षा: भारत गुयाना में आयुर्वेद और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दे रहा है।
- कृषि और आईटी: ये क्षेत्र दोनों देशों के बीच सहयोग के मुख्य आधार हैं।