नए साल के शुरुआत होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिशन-2024 में जुट गए हैं. पीएम मोदी दक्षिण भारत के दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को पहुंचे है. इस दौरान तमिलनाडु, लक्ष्यद्वीप और केरल को विकास की सौगात से नवाजेंगे. नरेंद्र मोदी मिशन साउथ के तहत पहले दिन तमिलनाडु में 19,850 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. इसी तरह लक्ष्यद्वीप को 1150 करोड़ की परियोजना का उद्घाटन करेंगे. माना जा रहा है कि पीएम मोदी अपने दो दिनों के दौरे के जरिए बीजेपी के सियासी आधार को मजबूत करने कवायद करेंगे, क्योंकि दक्षिण भारत अभी भी बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है.
पीएम मोदी का जादू उत्तर भारत में लोगों के सिर चढ़कर बोलता है. हिंदी पट्टी के राज्यों में बीजेपी काफी मजबूत स्थिति में दिख रही है, लेकिन दक्षिण भारत में अभी भी बीजेपी के लिए चिंता बनी हुई है. बीजेपी ने मिशन-साउथ को लेकर रणनीति अलग तरह की है. दक्षिण में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के अलावा पुडुचेरी और लक्षद्वीप है. बीजेपी का सियासी आधार कर्नाटक और तेलंगाना तक की सीमिता है और बाकी राज्यों में खाता भी नहीं खोल सकी है. इसीलिए बीजेपी का पूरा फोकस दक्षिण भारत के राज्यों पर है. ऐसे में पीएम मोदी का दो दिवसीय दौरा 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है.
दक्षिण भारत के राज्यों में वोट शेयर बढ़ाने पर जोर
दक्षिण भारत के राज्यों में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ाने और अधिक सीटें जीतने के लिए पार्टी ने सांगठनिक मजबूती और पीएम नरेंद्र मोदी का भरपूर दौरा कराने का लक्ष्य रखा है. इसी मद्देनजर पीएम मोदी नए साल के दूसरे दिन दक्षिण भारत के तीन राज्यों के दौरे पर पहुंचे हैं. तमिलनाडु, लक्षद्वीप और केरल में अलग-अलग कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे. इस दौरान वो कई विकास परियोजना की आधारशिला रखने के साथ-साथ उद्घाटन करेंगे. तिरुचिरापल्ली में सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री तिरुचिरापल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 500 बिस्तरों वाले छात्रावास एमेथिस्ट का उद्घाटन करेंगे.
लक्षद्वीप को 1150 करोड़ से ज्यादा की सौगात
पीएम मोदी दौरे के दूसरे दिन बुधवार को लक्षद्वीप को 1,150 करोड़ रुपये से अधिक की सौगात देंगे. कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन परियोजना का उद्घाटन करेंगे. इससे इंटरनेट स्पीड में 100 गुना से ज्यादा (1.7 जीबीपीएस से 200 जीबीपीएस तक) की बढ़ोतरी होगी. पीएम मोदी बुधवार को केरल के त्रिशूर में स्त्री शक्ति समागम को संबोधित करेंगे. बीजेपी की ओर से दावा किया जा रहा है कि त्रिशूर में होने वाली स्त्री शक्ति समागम एक ऐतिहासिक रैली होगी जिसमें 2 लाख के करीब महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद है. इस कार्यक्रम में आंगनवाड़ी शिक्षक, आशा कार्यकर्ता, मनरेगा कार्यकर्ता, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यकर्ता सहित अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाएं हिस्सा लेंगी.
2024 के लिहाज से तमिलनाडु- केरल काफी अहम
2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से पीएम मोदी का तमिलनाडु और केरल दौरान काफी अहम माना जा रहा है. एआईएडीएमके से गठबंधन टूटने के बाद पीएम मोदी पहली बार तमिलनाडु के दौरे पर पहुंच रहे हैं. बीजेपी तमिलनाडु में किसी दल की बैसाखी के सहारे लेने के बजाय खुद के दम पर खड़ी होने की कोशिश में जुटी है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी तमिलनाडु को करीब 20 हजार करोड़ के विकास की सौगात देकर सियासी समीकरण साधने की कवायद करेंगे. इतना ही नहीं पीएम मोदी के एजेंडे में लक्ष्यद्वीप भी है, जहां सिर्फ एक लोकसभा सीट है. मुस्लिम बहुल लक्ष्यद्वीप को केंद्र सरकार पर्यटन क्षेत्र के तौर पर विकसित करने की मुहिम में जुटी है. ऐसे में पीएम मोदी 1150 करोड़ की सौगात से नवाज कर सियासी संदेश देना चाहते हैं कि लक्ष्यद्वीप के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
पीएम मोदी बुधवार को केरल भी जाएंगे, जहां पर महिला समागम को संबोधित करेंगे. समागम के जरिए महिला आरक्षण विधेयक को सफलतापूर्वक संसद से पारित कराने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया जाएगा. एक के बाद एक चुनाव में बीजेपी को मिल रही कामयाबी के पीछे महिला वोटरों की भूमिका बहुत अहम मानी जा रही. पार्टी इसी फॉर्मूले के जरिए दक्षिण भारत में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत ही केरल में महिला समागम के कार्यक्रम को पीएम मोदी के द्वारा संबोधित करने की पठकथा लिखी गई है. 25 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर पीएम मोदी ने दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास पर ईसाई समुदाय के लोगों के लिए कार्यक्रम का आयोजन करना, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का दिल्ली स्थित एक कैथोलिक चर्च में जाना, जैसे कार्यक्रमों के जरिए केरल में पार्टी की पैठ बढ़ाने की कोशिश को देखा जा सकता है.
पिछले 2 सालों से पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर ही उनके लोकसभा क्षेत्र (वाराणसी) में तमिल काशी संगमम का सफल आयोजन किया जा रहा है. पिछले साल से प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर ही तमिल सौराष्ट्र संगमम का आयोजन किया जा रहा है. इस विशेष कार्यक्रम के जरिए गुजरातियों और तमिल लोगों के सैकड़ों साल पुराने रिश्तों को भी बताने का प्रयास किया गया. इस तरह पीएम मोदी और बीजेपी तमिलनाडु व केरल के लोगों का विश्वास जीतने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव की सियासी सरगर्मी के बीच पीएम मोदी का दक्षिण भारत का दौरा राजनीतिक रूप से बीजेपी के लिए 2024 में सियासी संजीवनी दे सकता है.
दक्षिण भारत में 131 सीटों का खेल
बता दें कि दक्षिण भारत में छह राज्यों में कुल 131 लोकसभा सीटें आती हैं, जिनमें कर्नाटक में 28, तेलंगाना में 17, आंध्र प्रदेश में 25, तमिलनाडु में 39, केरल में 20, पुडुचेरी और लक्षद्वीप में 1-1 सीट है. 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे देखें तो बीजेपी 30 संसदीय सीटें जीतने में सफल रही थी. वहीं, कांग्रेस 27 सीटें जीती थी तो क्षेत्रीय दलों के खाते में 74 सीटें आई थीं, जिसमें ज्यादतर गैर-बीजेपी दल ही हैं. क्षेत्रीय दलों ने जिन 74 सीटें जीती थी, उसमें वाईएसआर 25, डीएमके 20, बीआरएस ने 9 सीटें जीती थी. बीजेपी तेलंगाना में चार और कर्नाटक में 25 सीटें जीतने में सफल रही थी जबकि आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में खाता नहीं खोल सकी थी.
दक्षिण में क्षेत्रीय पार्टियों का दबदबा
आजादी के बाद का इतिहास देखा जाए तो शुरूआती दौर में कांग्रेस का तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, संयुक्त आंध्र प्रदेश में जबरदस्त तरीके से वर्चस्व था. हालांकि, वक्त के साथ कांग्रेस की यह पकड़ कमजोर होती गई. केरल में सबसे पहले कम्युनिस्ट दलों ने कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बेदखल किया फिर तमिलनाडु में डीएमके और एआईएडीएमके ने कांग्रेस को सत्ता से हटाया. इसी तरह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस और बीआरएस जैसे क्षेत्रीय दल ही पनपे. इसी तरह कर्नाटक में जेडीएस एक ताकत है. मौजूदा समय में भी केरल में लेफ्ट के अगुवाई वाली एलडीएफ गठबंधन का कब्जा है तो आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस का दबदबा है. कर्नाटक और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में जिस तरह से क्षेत्रीय दलों को सफाया हुआ है, उससे बीजेपी को अपनी जड़े जमाने की उम्मीद भी दिख रही है.
कर्नाटक की सत्ता पर कांग्रेस काबिज है, जिसके चलते जेडीएस ने बीजेपी से गठबंधन कर रखा है. तेलंगाना में बीआरएस के हाथों से सत्ता खिसकने के बाद बीजेपी को अपने उभरने का मौका दिख रहा है. यही वजह है कि अमित शाह ने पिछले दिनों तेलंगाना के पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने की रूपरेखा बनाई है. ऐसे में पीएम मोदी का दो दिनों में दक्षिण के तीन राज्यों का दौरा कर बीजेपी के लिए सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश करते नजर आएंगे. ऐसे में देखना है कि पीएम मोदी विकास की सौगात देकर दक्षिण में कितना बीजेपी के लिए उपजाऊ बना पाएंगे?