साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों विपक्षी दलों का गठबंधन I.N.D.I.A. सत्ताधारी गठबंधन NDA से मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है। पोल में लोगों ने विपक्षी दलों के गठबंधन को बुरी तरह से नकार दिया है। एजेंसी ने देश की सभी 543 लोकसभा सीटों पर सर्वे करके जनता का मूड जानने की कोशिश की। इस सर्वे में 25,951 लोगों को शामिल किया गया।
इस सर्वे में शामिल 13 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो इस विषय पर कुछ कह नहीं सकते हैं, तो महज 33 प्रतिशत लोगों ने कहा कि शायद ये गठबंधन बाजी मार ले जाए। हालाँकि, 54 प्रतिशत लोगों के सामने 33 प्रतिशत के आँकड़े में इतना अंतर है कि कोई भी सामान्य आदमी जान सकता है कि I.N.D.I.A. गठबंधन भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को हराना तो दूर, काँटे का टक्कर तक नहीं दे पा रहा है।
अगर 13 प्रतिशत उन लोगों को भी इसमें जोड़ दें, जो स्विंग हो सकते हैं और उन्हें लगता है कि एनडीए को विपक्षी गठबंधन हरा नहीं सकता, तो हराने वाले आँकड़े 33 प्रतिशत के मुकाबले दोगुने से भी अधिक होकर 67 प्रतिशत का हो जाता है।
बता दें कि करीब एक माह पहले बेंगलुरु में कॉन्ग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों ने एक नया गठबंधन बनाया था। इस गठबंधन को I.N.D.I.A. नाम दिया गया। इस गठबंधन को भाजपा की अगुवाई वाले NDA से मुकाबले के लिए खड़ा किया है, जो पिछले दो लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज करती रही है।
सर्वे में साफ तौर पर लोगों ने बताया कि वे भाजपा के नेतृत्व वाली NDA गठबंधन को क्यों वोट देंगे। सर्वे में शामिल 33 प्रतिशत लोगों ने कहा कि भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटी को लेकर वोट करेंगे। वहीं, 17 प्रतिशत लोगों ने राम मंदिर को सबसे बड़ा मुद्दा बताते हुए वोट की वजह बताई।
12 प्रतिशत लोगों ने समान नागरिक संहिता- UCC को लागू करने को अहम मुद्दा माना है और इसके लिए भाजपा को वोट देने की बात कही। 44 प्रतिशत लोगों ने NDA को वोट देने का सबसे बड़ा कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया। वहीं, 22 प्रतिशत लोगों ने विकास को बड़ा मुद्दा बताया। इसी तरह 14 प्रतिशत लोगों ने भाजपा की हिंदुत्ववादी छवि को वोट देने का सबसे बड़ा कारण बताया।