प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन 11 फरवरी को मार्सेली पहुँचे और वीर सावरकर को याद किया। इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए दी। उनके साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी थे। प्रधानमंत्री मोदी ने 10 से 12 फरवरी तक की अपनी यात्रा में उन्होंने AI सम्मेलन को भी संबोधित किया।
पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में कहा, “मार्सिले पहुँच गया। भारत की स्वतंत्रता की खोज में इस शहर का विशेष महत्व है। यहीं पर महान वीर सावरकर ने साहसपूर्वक भागने का प्रयास किया था। मैं मार्सिले के लोगों और उस समय के फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होंने मांग की थी कि उन्हें ब्रिटिश हिरासत में ना सौंपा जाए। वीर सावरकर की बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी!”
Landed in Marseille. In India’s quest for freedom, this city holds special significance. It was here that the great Veer Savarkar attempted a courageous escape. I also want to thank the people of Marseille and the French activists of that time who demanded that he not be handed…
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि मार्सिले की यात्रा में भारत और फ्रांस के बीच संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। यहाँ एक भारतीय वाणिज्य दूतावास का भी उद्घाटन किया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा, “इससे लोगों के बीच आपसी संपर्क और मजबूत होगा। मैं प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित करूँगा।”
President Macron and I reached Marseille a short while ago. This visit will witness important programmes aimed at further connecting India and France. The Indian consulate which is being inaugurated will deepen people-to-people linkages. I will also pay homage to the Indian… pic.twitter.com/RtgGPkJjNg
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2025
प्रधानमंत्री मोदी और इमैनुएल मैक्रों फ्रांसिसी शहर मार्सिले में इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सप्रेरिमेंटल रिएक्टर प्रोजेक्ट का दौरा करेंगे। यह प्रोजेक्ट न्यूक्लिर संलयन (फ्यूजन) रिसर्च में एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मजारगुएस युद्ध कब्रिस्तान जाएँगे। वहाँ वे प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपना बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे।
मार्सिले और वीर सावरकर का ऐतिहासिक कनेक्शन स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम से जुड़ा है। 8 जुलाई 1910 को, जब अंग्रेज सावरकर को लंदन से भारत ले जा रहे थे, उन्होंने फ्रांस के मार्सिले बंदरगाह पर भागने की कोशिश की थी।
मार्सिले में वीर सावरकर की साहसिक योजना:
🔹 गिरफ्तारी: नासिक षड्यंत्र केस में ब्रिटिश सरकार ने लंदन से सावरकर को गिरफ्तार किया।
🔹 भारत प्रत्यर्पण: उन्हें जहाज एसएस मोरिया से भारत लाया जा रहा था।
🔹 मार्सिले में मौका: जहाज के फ्रांस के मार्सिले बंदरगाह पर रुकने पर, सावरकर ने जहाज से भागने की योजना बनाई।
🔹 साहसी प्रयास: उन्होंने जहाज के पोर्टहोल से छलांग लगाई और तैरकर फ्रांसीसी तट पर पहुंचने की कोशिश की।
🔹 फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा गिरफ्तारी: फ्रांस के अधिकारियों ने उन्हें पकड़कर ब्रिटिश अधिकारियों को सौंप दिया।
अंतरराष्ट्रीय विवाद:
🔹 फ्रांस ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया और ब्रिटेन के खिलाफ आपत्ति जताई।
🔹 मामला स्थायी मध्यस्थता न्यायालय में गया, जिसने 1911 में माना कि सावरकर की वापसी में अनियमितता थी।
🔹 ब्रिटेन को उन्हें फ्रांस को लौटाने के लिए बाध्य नहीं किया गया, जिससे फ्रांस के कई नागरिकों और नेताओं ने नाराजगी जताई।
परिणाम:
🔹 ब्रिटिश सरकार ने सावरकर पर मुकदमा चलाया और उन्हें सेलुलर जेल (कालापानी) भेज दिया।
🔹 यह घटना सावरकर के साहस और उनकी रणनीतिक सोच का प्रतीक बन गई।
🔹 मार्सिले का यह प्रकरण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक अंतरराष्ट्रीय संघर्ष का भी उदाहरण बना।