UAE दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (14 फरवरी, 2024) को UAE में ‘वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट’ को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ये प्लेटफॉर्म दुनिया के विभिन्न नेताओं को एक साझा मंच पर लाने का माध्यम बना है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से दुबई दुनिया भर में वैश्विक अर्थव्यवस्था, वाणिज्य और तकनीक का केंद्र बन कर उभर रहा है, ये विश्व के समक्ष एक उदाहरण पेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम 21वीं सदी में हैं। पीएम मोदी ने कहा कि एक तरफ दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही है तो पिछली सदी से चले आ रही चुनौतियाँ भी उतने ही व्यापक हो रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि फ़ूड सिक्योरिटी हो, हेल्थ सिक्योरिटी हो, वॉटर सिक्योरिटी हो, एनर्जी सिक्योरिटी हो, शिक्षा हो, समाज को सद्भाव वाला बनाना हो, हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बँधी हुई है। उन्होंने कहा कि आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े। बकौल पीएम मोदी, उनका मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो Inclusive हों, जो सबको साथ लेकर चले।
Prime Minister Narendra Modi met the President of Madagascar Andry Rajoelina on the sidelines of the World Governments Summit in Dubai. This was the first meeting between the two leaders. Both leaders recognized the long-standing friendly relations and ancient geographical ties… pic.twitter.com/KU5i9rY6Y3
— ANI (@ANI) February 14, 2024
पीएम मोदी ने दुबई में मंच से कहा कि आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े। बकौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनका मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो इन्क्लूसिव हों, जो सबको साथ लेकर चले। उन्होंने कहा कि आज विश्व को आवश्यकता ऐसी सरकारों की है जो Ease of Living, Ease of Justice, Ease of Mobility, Ease of Innovation, Ease of Doing Business को अपनी प्राथमिकता बनाकर चलें।
पीएम मोदी ने कहा, “मैं मानता हूँ कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए। बल्कि मैं तो ये मानता हूँ कि लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो, ये सुनिश्चित करना भी सरकार का काम है। इन 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत रहा है- मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस। मैंने हमेशा ऐसा माहौल बनाने पर जोर दिया है, जो नागरिकों में उद्योग और ऊर्जा दोनों को और बढ़ाए।
| At the World Governments Summit in Dubai, PM Modi says, "Today, when we are transforming our country, shouldn't there be reform in the Global Governance Institutions as well? We have to promote the concerns of the developing world and the participation of the Global South in… pic.twitter.com/lFTuou2MQJ
— ANI (@ANI) February 14, 2024
पीएम मोदी ने कहा कि हम टॉप-डाउन और बॉटम-अप अप्रोच के साथ-साथ पूर्ण सामाजिक अप्रोच को लेकर भी चले हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र पर चलते हुए हम Last Mile Delivery और सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सैचुरेशन की अप्रोच, यानी सरकार की योजनाओं के लाभ से कोई भी लाभार्थी छूटे नहीं, सरकार खुद उस तक पहुँचे। उन्होंने कहा कि गवर्नेस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है।
#WATCH | At the World Governments Summit in Dubai, PM Modi says,"…I believe that it is the job of the government to ensure that government interference in people's lives is minimal…My biggest principle has been 'Minimum government, maximum governance'. I have always… pic.twitter.com/IVKDwm3KIc
— ANI (@ANI) February 14, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने गवर्नेंस में जन-भावनाओं को प्राथमिकता दी है, हम देशवासियों की जरूरत के प्रति संवेदनशील हैं। उन्होंने वैश्विक नेताओं को बताया कि हमने लोगों की जरूरतों और लोगों के सपनों को पूरा करने पर ध्यान दिया है। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद को मानवता के लिए खतरा बताया और जलवायु परिवर्तन को भी चिंता जताई। तकनीक का इस्तेमाल कर के हो रहे अपराध की तरफ भी उन्होंने ध्यान बँटाया।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज Solar, Wind, Hydro के साथ-साथ Biofuels, Green Hydrogen पर भी काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि प्रकृति से जितना हासिल किया है, उसे लौटाने का प्रयास भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व को एक नया मार्ग सुझाया है, जिस पर चलते हुए हम पर्यावरण की बहुत मदद कर सकते हैं। ये मार्ग है – मिशन लाइफ यानि Lifestyle For Environment का, ये मिशन Pro Planet People का रास्ता दिखाता है।
आज हम 21वीं सदी में
उन्होंने कहा कि आज हम 21वीं सदी में हैं। एक तरफ दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही है तो पिछली सदी से चले आ रहीं चुनौतियां भी उतनी ही व्यापक हो रही हैं। खाने की सुरक्षा हो, स्वास्थ्य सुरक्षा हो, पानी की सुरक्षा हो, ऊर्जा की सुरक्षा हो चाहें शिक्षा हो। हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है। आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े। मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चले।
#WATCH | At the World Governments Summit in Dubai, PM Modi says, "The way Dubai is becoming the global epicentre of global economy, commerce and technology is a big thing…" pic.twitter.com/T8GuvfXFLg
— ANI (@ANI) February 14, 2024
सरकार का दबाव नहीं होना चाहिए
पीएम ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए। बल्कि मैं तो ये मानता हूं कि लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो, ये सुनिश्चित करना भी सरकार का काम है। इन 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत रहा है-‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’। मैंने हमेशा एक ऐसा वातावरण बनाने पर जोर दिया है जिसमें नागरिकों में उद्यम और ऊर्जा की भावना विकसित हो।’
उन्होंने आगे कहा, ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र पर चलते हुए हम सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं। सैचुरेशन की अप्रोच, यानी सरकार की योजनाओं के लाभ से कोई भी लाभार्थी छूटे नहीं, सरकार खुद उस तक पहुंचे। गवर्नेस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है।’