प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (21 फरवरी) को नई दिल्ली के भारत मंडपम में SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने नेतृत्व विकास, राष्ट्र निर्माण, और मानव संसाधन की भूमिका पर जोर दिया।
SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव: मुख्य बिंदु
1. नेतृत्व विकास और राष्ट्र निर्माण
- पीएम मोदी ने स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए कहा कि अगर 100 अच्छे लीडर हों, तो भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाया जा सकता है।
- उन्होंने कहा कि “व्यक्ति निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण होता है।”
- भारत को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माइंडसेट को समझ सकें और सभी के हित में काम करें।
2. 21वीं सदी में नेतृत्व की आवश्यकता
- 21वीं सदी में भारत को नवाचार (Innovation) को सही तरीके से लीड करने वाले नेताओं की जरूरत है।
- मानव संसाधन सबसे अहम है, इसके दम पर कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
- नेतृत्व विकास के लिए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने की जरूरत है।
3. गुजरात मॉडल का उदाहरण
- पीएम मोदी ने बताया कि आज़ादी के समय गुजरात के विकास को लेकर संदेह जताया गया था क्योंकि वहां न तो कोयला था, न खदानें, न रबर।
- लेकिन गुजरात के नेताओं की दूरदृष्टि ने इसे देश का नंबर एक राज्य बना दिया।
- उन्होंने हीरा उद्योग का उदाहरण देते हुए कहा कि दुनिया के 10 में से 9 हीरे गुजराती कारीगरों के हाथों से होकर जाते हैं।
4. SOUL संस्थानों की भूमिका
- पीएम मोदी ने SOUL (परम नेतृत्व का स्कूल) की स्थापना को ‘विकसित भारत’ की दिशा में बड़ा कदम बताया।
- SOUL संस्थाएं नेतृत्व विकास को तेज करने के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती हैं।
- उन्होंने कहा कि “इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय संस्थान केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आज की जरूरत हैं।”
- नेतृत्व विकास के लिए नई क्षमताओं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाने पर जोर दिया।
5. वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में भारत
- पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है और हमें विश्व स्तरीय नेताओं की आवश्यकता है।
- हमें नवाचार को बढ़ावा देने और कौशल को प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने वाले संसाधनों की जरूरत है।
Addressing the SOUL Leadership Conclave in New Delhi. It is a wonderful forum to nurture future leaders. @LeadWithSoul
https://t.co/QI5RePeZnV
— Narendra Modi (@narendramodi) February 21, 2025
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश स्पष्ट था—भारत को मजबूत नेतृत्व की जरूरत है। इसके लिए SOUL जैसी संस्थाएं भविष्य के लीडर्स को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। भारत यदि वैश्विक शक्ति बनना चाहता है, तो नेतृत्व विकास को वैज्ञानिक रूप से तेज करना होगा।