गुजरात की सामरिक स्थिति और उसकी तैयारियों पर रोशनी डाली गई है। यह स्पष्ट है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नागरिक सुरक्षा, सीमा निगरानी और सामरिक जवाबी कार्रवाइयों में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।
गुजरात: सीमा सुरक्षा और तैयारियाँ
प्रधानमंत्री मोदी की मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बातचीत:
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सीमावर्ती जिलों की स्थिति पर जानकारी ली गई: कच्छ, बनासकांठा, पाटन, जामनगर।
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राज्य की अग्रिम योजना और सुरक्षा उपायों की समीक्षा की गई।
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PM मोदी ने आवश्यक मार्गदर्शन भी दिया।
ब्लैकआउट रणनीति और सुरक्षा उपाय:
7 घंटे से अधिक बिजली बंद:
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कच्छ और बनासकांठा के कई सीमावर्ती इलाकों में किया गया ब्लैकआउट।
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क्षेत्र: भुज, नलिया, नखत्राणा, गांधीधाम, सुईगाम और 20 गांव।
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उद्देश्य:
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पाकिस्तान की हवाई निगरानी और हमलों से रडार दृश्यता को घटाना।
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सैन्य और नागरिक ठिकानों को दृश्य पहचान से बचाना।
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भारतीय सैन्य कार्रवाई और डिफेंस सिस्टम की सफलता:
पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमले:
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अवंतीपोरा से भुज तक कई हमले करने की कोशिश।
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निशाना: भारत के सैन्य प्रतिष्ठान।
भारतीय जवाब:
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S-400 वायु रक्षा प्रणाली, एंटी-यूएवी सिस्टम और मिसाइल शील्ड ने:
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सभी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया।
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कोई जनहानि या संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ।
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ड्रोन मलबा और खुफिया निगरानी:
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खावड़ा गांव (कच्छ) में ‘ड्रोन जैसी वस्तु’ का मलबा मिला।
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यह मलबा भारत-पाक सीमा के निकट था, जो सीमा पार से निगरानी या हमला करने की कोशिश का प्रमाण हो सकता है।
विश्लेषण:
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गुजरात, राजस्थान और पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य इस समय सामरिक रूप से हाई अलर्ट पर हैं।
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भारत की तकनीकी सैन्य क्षमताएं – जैसे S-400 और एंटी-यूएवी सिस्टम – इस संघर्ष में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं।
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भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह न केवल रक्षात्मक बल्कि प्रभावी जवाबी हमलों के लिए भी तैयार है।