प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई रविवार को दोपहर 12 बजे से हवन पूजन के साथ नव निर्मित संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. इसके लिए वैदिक विधि विधान मंत्रोच्चार के साथ सुबह से ही हवन पूजन शुरू हो जाएगा. नए संसद भवन को बनाने में करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च आया है. नए भवन में कई तरह की हाइटेक सुविधाएं भी दी गई है. इसके हॉल में 1224 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है.
नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर इनविटेशन कार्ड भी सामने आया है. कार्ड में बताया गया है कि 28 मई को दोपहर 12 बजे पीएम मोदी की ओर से नए भवन का उद्घाटन किया जाएगा. इनविटेशन कार्ड नए संसद भवन की तस्वीर छपी हुई है. कार्ड पर सभी अतिथियों से सुबह 11.30 बजे तक कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के लिए कहा गया है.
लोकसभा और राज्यसभा ने 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार से नए भवन बनाने का अनुरोध किया था. इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने नए भवन की नींव रखी. नए भवन के लिए निर्माण का टेंडर टाट प्रोजेक्ट को दिया गया है. शुरुआत में इसकी लागत 861 करोड़ रुपए निर्धारित की गई थी, लेकिन बाद में यह बढ़कर 1200 करोड़ रुपए पहुंच गया.
जैसे ही नए संसद भवन के उद्घाटन की चर्चा शुरू हुई कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर हो गईं. विपक्ष का कहना है कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति की ओर से किया जाना चाहिए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति की ओर से किया जाना चाहिए.
नए संसद भवन को लेकर कांग्रेस की ओर से जारी हमले के बीच भारतीय जनता पार्टी ने कल सोमवार को कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह नए संसद भवन के उद्घाटन पर अनावश्यक विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस को अपने स्वार्थ के लिए भारत की उपलब्धियों को नीचा दिखाने की ‘घटिया राजनीति’ करने की आदत सा पड़ गई है.
पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, ‘जब भी कोई अच्छी चीज होती है तो कांग्रेस पार्टी के नेता घटिया राजनीति पर उतर आते हैं और राहुल गांधी की अगुवाई में यही पहचान बन गई है. देश जब नए संसद भवन को लेकर गर्व महसूस कर रहा है, तो इसके नेता अपने निचले स्तर पर पहुंच गए हैं.’