प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हफ्ते के आखिरी तक कैरेबियन, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देशों का दौरा करेंगे. इसमें गुयाना, नाइजीरिया और ब्राजील भी शामिल हैं. यह यात्रा भारतीय कूटनीति के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि हाल के सालों में भारत अफ्रीकी और कैरेबियन देशों के साथ संबंध मजबूत करने पर विशेष ध्यान दे रहा है. प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा 16 नवंबर से शुरू होगी और इसका समापन 21 नवंबर को होगा.
इस यात्रा की शुरुआत में पीएम मोदी अफ्रीकी देश नाइजीरिया जाएंगे. वहां वे राष्ट्रपति बोला टीनू के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. नाइजीरिया अफ्रीका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और आबादी के लिहाज से भी यह सबसे बड़ा देश है. यह ओपेक का सदस्य होने के नाते भारत के ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी अहम है, क्योंकि भारत बड़ी मात्रा में कच्चा तेल नाइजीरिया से आयात करता है.
जी-20 शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे पीएम
नाइजीरिया की इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) में सदस्यता के कारण, उसके साथ सहयोग भारत के लिए कूटनीतिक दृष्टि से अहम है। यह साझेदारी भारत को वैश्विक मंचों पर एक समावेशी दृष्टिकोण अपनाने में मदद करती है, विशेष रूप से इस्लामी और अफ्रीकी देशों के साथ संवाद बढ़ाने में। नाइजीरिया में ऊर्जा और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर सहयोग के अलावा, दोनों देशों के बीच बढ़ता सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग भारत-अफ्रीका साझेदारी को मजबूत करेगा।
इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील के रियो डी जनेरियो में 17 से 19 नवंबर के बीच होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। पिछली जी-20 अध्यक्षता भारत के पास थी, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा को औपचारिक रूप से सौंपा। इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के सक्रिय योगदान से वैश्विक मुद्दों पर भारत की स्थायी भूमिका और विकासशील देशों के लिए उसकी प्रतिबद्धता को प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।
जो बाइडेन भी होंगे शामिल
इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नई दिल्ली घोषणा-पत्र के तहत वैश्विक प्रौद्योगिकी नियमन और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के उपयोग के लिए वित्तीय संसाधनों के मुद्दों पर जोर दिए जाने की संभावना है. पीएम मोदी की कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी हो सकती हैं, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल होंगे.
गुयाना के राष्ट्रपति के साथ करेंगे बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा का अंतिम चरण 19 से 21 नवंबर तक गुयाना में होगा, जहां वे राष्ट्रपति इरफान अली से मुलाकात करेंगे। भारत ने रक्षा, ऊर्जा, और कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में गुयाना के साथ संबंधों को मजबूत किया है। प्रधानमंत्री मोदी इंडिया-कैरिबियन (CARICOM) शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे, जिसमें व्यापार, निवेश, और बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट्स पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
गुयाना में लगभग 40 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल की है, जिन्हें ‘इंडो-गयानीज’ कहा जाता है। इनके पूर्वज उत्तर प्रदेश, बिहार, और झारखंड से गुयाना पहुंचे थे। राष्ट्रपति इरफान अली भी भारतीय मूल के हैं, और उनकी भारत से गहरी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव है। उनके नेतृत्व में गुयाना और भारत के बीच संबंध और भी प्रगाढ़ हुए हैं।