प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को उनके 75वें जन्मदिवस पर बधाई दी और उनकी दीर्घायु तथा स्वस्थ जीवन की कामना की. नायडू के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक लेख भी साझा किया जिसमें उन्होंने पूर्व उपराष्ट्रपति के जीवन, सेवा भाव और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण को लेकर अपने विचार पेश किया. पीएम मोदी ने कहा कि युवा कार्यकर्ता, चुने गए प्रतिनिधि और सेवा करने का जुनून रखने वाले लोग नायडू के जीवन से सीख लेंगे और उन मूल्यों-सिद्धांतों को अपनाएंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच X पर अपने एक पोस्ट में कहा, “एम वेंकैया नायडू गारू को उनके 75वें जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. मैं उनकी दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं.” इससे एक दिन पहले रविवार को पीएम मोदी ने नायडू से जुड़ी 3 किताबों की विमोचन किया था.
Greetings to Shri @MVenkaiahNaidu Garu on his 75th birthday. Praying for his long and healthy life. On this special occasion, have penned a few thoughts on his life, service and commitment to nation building.https://t.co/rY3WzwQlKI
— Narendra Modi (@narendramodi) July 1, 2024
राजनीति में शुचिता के प्रतीकः PM मोदी
नायडू के 75वें जन्मदिन पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर अपना एक लेख भी साझा किया. मोदी ने कहा, “आज पूर्व उपराष्ट्रपति और राष्ट्रीय राजनीति में शुचिता के प्रतीक माने जाने वाले एम वेंकैया नायडू गारू का जन्मदिन है. नायडू आज 75 साल के हो गए हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में राष्ट्रसेवा और जनसेवा को हमेशा सर्वोपरि रखा. मैं उनके दीर्घायु होने और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं.” उन्होंने आगे कहा कि उनका 75वां जन्मदिवस अपने आप में एक विशाल व्यक्तित्व की व्यापक उपलब्धियों को समेटे हुए है. उनका जीवन सेवा और समर्पण एक ऐसी यात्रा की तरह है, जिसे सभी देशवासियों को जानना ही चाहिए.
नायडू के साथ अपने संबंधों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “नायडू और मैं कई दशकों से एक-दूसरे के साथ जुड़े रहे हैं. हमने अलग-अलग दायित्वों को संभालते हुए एकजुटता के साथ काम किया है, और इस दौरान मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है. मैंने अनुभव किया कि उनका स्नेह और प्रेम आम लोगों के प्रति कभी नहीं बदला.”
‘विचार को व्यक्तिगत हितों से ऊपर रखा’
उन्होंने नायडू के बारे में बताया कि उन्होंने सक्रिय राजनीति की शुरुआत आंध्र प्रदेश में छात्र नेता के रूप में की थी. वे बेहद प्रतिभाशाली रहे. वह किसी भी राजनीतिक दल में कम समय में ही बड़ा मुकाम हासिल कर सकते थे, लेकिन उन्होंने संघ परिवार को चुना क्योंकि राष्ट्र प्रथम के विचारधारा को पसंद करते थे. उन्होंने विचार को व्यक्तिगत हितों से ऊपर रखा. फिर वो जनसंघ और बीजेपी से जुड़कर इसे मजबूत किया.
आपातकाल का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, करीब 50 साल पहले कांग्रेस ने जब देश में इमरजेंसी लगाई, तब युवा नायडू ने इसके खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. उन्हें लोकनायक जय प्रकाश नारायण को आंध्र प्रदेश में आमंत्रित करने की वजह से जेल जाना पड़ा. लोकतंत्र के प्रति वो हमेशा प्रतिबद्ध रहे. 1980 के दशक के मध्य में, कांग्रेस ने जब राज्य में एनटीआर की सरकार को बर्खास्त कर दिया था, तब भी वे लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा के लिए आंदोलन कर रहे थे.
‘कांग्रेस-NTR के दौर में भी जीते’
आंध्र प्रदेश में नायडू के बीजेपी को खड़ा करने के योगदान को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “1978 में आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को जीत मिली थी तब युवा नेता वेंकैया प्रतिकूल परिस्थितियों में भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे. 5 साल बाद, एनटीआर की लोकप्रियता पूरे राज्य में छाई हुई थी तब भी वो बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए. उनकी लगातार जीत ने आंध्र प्रदेश समेत दक्षिण क्षेत्र में बीजेपी के लिए भविष्य के बीज बोये.
नायडू अपने वाकपटुता, शब्दशैली और संगठन सामर्थ्य के लिए जाने जाते थे, एनटीआर जैसे दिग्गज भी उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करवाना चाहते थे, लेकिन वो अपनी मूल विचारधारा पर डटे रहे. उन्होंने आंध्र में बीजेपी को खड़ा करने में बड़ी भूमिका निभाई. वो लोगों के बीच बीजेपी के विस्तार की रूपरेखा तैयार करने लगे थे. फिर उन्हें आंध्र प्रदेश में बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. 1990 के दशक में नायडू बीजेपी के अखिल भारतीय महासचिव बनाए गए. इस तरह 1993 में उनकी राष्ट्रीय राजनीति की पारी की शुरुआत हो गई. दिल्ली आने पर भी वह लगातार मेहनत करते रहे. फिर वह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने.
‘खुद ग्रामीण विकास मंत्रालय चुना’
पीएम मोदी लिखते हैं, “अटल बिहारी वाजपेयी जब सरकार बना रहे थे तो वो वेंकैया को भी अपनी मंत्री बनाना चाहते थे. वाजपेयी ने उनसे मंत्रालय के बारे में उनकी राय जाननी चाही तो उन्होंने ग्रामीण विकास मंत्रालय को अपनी प्राथमिकता बताई. लोग इस पंसद से हैरान हो गए. जबकि नायडू की सोच बिल्कुल साफ थी कि वह एक किसान के बेटे हैं, उन्होंने अपना बचपन गांवों में गुजारा था. ऐसे में उन्होंने ग्रामीण विकास मंत्रालय को चुना. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को जमीन पर उतारने में उनकी अहम भूमिका थी.
कुछ साल बाद 2014 में जब केंद्र में एनडीए सत्ता में लौटी तो उन्होंने शहरी विकास, आवासन एवं शहरी गरीबी उन्मूलन जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में काम किया. उनके कार्यकाल के दौरान ही हमारी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन और शहरी विकास से संबंधित कई अहम योजनाएं शुरू कीं. शायद, वह उन नेताओं में से एक हैं जिन्होंने इतने लंबे समय तक ग्रामीण और शहरी विकास दोनों के लिए काम किया.
पीएम मोदी लिखते हैं, “2014 के उन शुरुआती दिनों में नायडू का अनुभव मेरे लिए भी बहुत काम आया था. तब मैं दिल्ली के लिए एक बाहरी व्यक्ति हुआ करता था. ऐसे समय में उनका सहयोग मेरे लिए बहुत खास था. वह एक प्रभावी संसदीय कार्य मंत्री थे. वो पक्ष-विपक्ष की बारीकियों को गहराई से समझते थे.”
‘खाने के शौकीन, बेहतरीन मेजबान’
उपराष्ट्रपति बनाए जाने का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “साल 2017 में, एनडीए गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उन्हें नामित किया तो हमारे लिए यह एक कड़ा और दुविधा से भरा फैसला था. उनकी खाली जगह को भरना आसान नहीं था, लेकिन यह भी सही है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए उनसे बेहतर कोई और नहीं था. मंत्री और सांसद पद से इस्तीफा देने के दौरान उनका भाषण मैं कभी नहीं भूल सकता.” नायडू राज्यसभा के एक उत्कृष्ट सभापति रहे, जिन्होंने युवा सांसदों, महिला सांसदों और पहली बार चुने गए सांसदों को बोलने का समान अवसर दिया. साथ ही उन्होंने सदन में उपस्थिति को लेकर बहुत जोर दिया.
पीएम मोदी ने कहा, “जब अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को हटाने का फैसला राज्यसभा के पटल पर रखा गया, तो नायडू ही सभापति थे. मुझे यकीन है कि यह उनके लिए एक भावनात्मक क्षण था. किसी निष्ठावान देशभक्त के जीवन में इससे बड़ा समय और क्या होगा.”
बीजेपी के सीनियर नेता वेंकैया नायडू के खाने के शौक के बारे में पीएम मोदी ने कहा, “मैं उनको हमेशा एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जानता हूं जो खाने के शौकीन रहे हैं और शानदार मेजबानी में माहिर हैं. फिटनेस के प्रति उनकी प्रतिबद्धता जगजाहिर है कि वह अभी भी बैडमिंटन खेलना और ब्रिस्क वॉक करना पसंद करते हैं.”
अंत में पीएम मोदी ने कहा, “उपराष्ट्रपति पद से रिटायर होने के बाद भी वह सार्वजनिक जीवन में बेहद सक्रिय हैं. वह देश के लिए अहम मुद्दों और विकास कार्यों के लिए लगातार मुझसे बात करते रहते हैं. पिछले दिनों जब हमारी सरकार तीसरी बार सत्ता में लौटी, तब मेरी उनसे मुलाकात हुई थी. हमारी जीत पर वह बहुत खुश हुए और उन्होंने हमारी टीम को अपनी शुभकामनाएं दीं.”