प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिवसीय दौरे पर अमेरिका पहुंचे हैं। अपनी इस 20 जून से 23 जून की राजकीय यात्रा से पहले पीएम मोदी ने अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के लिए अपना इंटरव्यू दिया है।
इस इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कई भौगोलिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर अपना पक्ष रखा। पीएम मोदी का यह दौरा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। इंटरव्यू के दौरान इन पांच प्रश्नों पर पीएम मोदी ने अपना पक्ष रखा।
पीएम मोदी ने कहा, “हम भारत को किसी भी देश के पिछलग्गू के तौर पर नहीं देख रहे हैं। हम देख सकते हैं कि भारत विश्व स्तर पर अपनी अलग और सही जगह प्राप्त कर सकता है। देश अपना सही स्थान प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।
भारत, यूएन का हिस्सा बनेगा?
इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा बनना चाहता है। हालांकि, यह दूसरे देशों को देखना होगा कि भारत को यूएन की सदस्यता मिलनी चाहिए या नहीं। हमें दुनिया के अन्य देशों से जानना चाहिए कि वो भारत को यूएन के सदस्य के तौर पर देखना चाहते हैं या नहीं।
पीएम मोदी की देश के बारे में सोचने की क्षमता और प्रक्रिया
पीएम मोदी ने कहा, “आजादी के बाद जन्म लेने वाला मैं पहला प्रधानमंत्री हूं। इसलिए मेरी विचार प्रक्रिया, मेरा आचरण, मैं जो कहता और करता हूं, वह सब मेरे देश की विशेषताओं और परंपराओं से प्रेरित और प्रभावित है। मुझे इससे ताकत मिलती है।”
चीन के साथ भारत के संबंधों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए दोनों देशों के सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द आवश्यक है।”
रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत का पक्ष
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि हम तटस्थ है, लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं। हम उस तरफ है, जिस तरफ शांति है, क्योंकि भारत की प्राथमिकता शांति है और यह पूरी दुनिया जानती है।