लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर अपने गृह राज्य गुजरात दौरे पर जा रहे हैं। अहमदाबाद में पीएम मोदी मंगलवार को “आश्रम भूमि वंदना’’ कार्यक्रम में शामिल होंगे और साबरमती आश्रम स्मारक परियोजना का ‘मास्टरप्लान’ जारी करेंगे। रविवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 1,200 करोड़ रुपये के बजट के साथ आवंटित इस परियोजना का उद्देश्य वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए महात्मा गांधी की शिक्षाओं और दर्शन को पुनर्जीवित करना है।
विज्ञप्ति के अनुसार, इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लक्ष्य साबरमती आश्रम के आस-पास के बुनियादी ढांचे में सुधार करना, आगंतुकों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करना और गांधीजी को समर्पित एक विश्व स्तरीय स्मारक स्थापित करना है। विज्ञप्ति के अनुसार, इस ‘मास्टरप्लान’ के तहत आश्रम के वर्तमान पांच एकड़ क्षेत्र को 55 एकड़ तक विस्तारित किया जाएगा और 36 वर्तमान भवनों का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
‘‘आश्रम भूमि वंदना’’ कार्यक्रम होंगे शामिल
इसके अनुसार, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ‘‘आश्रम भूमि वंदना’’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ मौजूद रहेंगे। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री पुनर्विकसित कोचरब आश्रम का भी उद्घाटन करेंगे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत आने के बाद महात्मा गांधी द्वारा स्थापित पहला आश्रम था और इसे एक स्मारक और पर्यटन स्थल के रूप में संरक्षित किया गया है।
साबरमती आश्रम को किया जाएगा पुनर्स्थापित
बता दें कि महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी 1917 से 1930 तक साबरमती आश्रम में रहे। आश्रम पांच एकड़ के परिसर में है, जिसमें ऐतिहासिक महत्व की कुछ अन्य इमारतें हैं। गुजरात सरकार अब आश्रम को पुनर्स्थापित और नवीनीकृत करने और आगंतुकों को एक सहज अनुभव प्रदान करने के लिए एक योजना लेकर आई है, जो मूल रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग की उपज है। इस परियोजना का क्रियान्वयन अहमदाबाद नगर निगम द्वारा किया जाएगा। पुनर्स्थापना परियोजना का डिजाइन अहमदाबाद स्थित प्लानर बिमल पटेल की ओर से किया जाएगा, जो नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा और वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के डिजाइन के पीछे भी हैं।
5 एकड़ क्षेत्र को 55 एकड़ तक विस्तारित किया जाएगा
योजना के तहत मौजूदा पांच एकड़ क्षेत्र को 55 एकड़ तक विस्तारित किया जाएगा। गांधी का निवास हृदय कुंज, जो आश्रम परिसर के केंद्र में है और 1930 से पहले निर्मित अन्य संरचनाएं हेरिटेज कंजर्वेशन प्लान के तहत उसी स्वरूप में डेवल्प की जाएंगी। इन इमारतों को कंजर्व, रिस्टोर और रिप्रोड्यूस किया जाएगा। आश्रम की वही शांति वापस स्थपित करने के लिए आश्रम के सामने से गुजरने वाला आश्रम रोड को भी डाइवर्ट कर दिया गया है और पूरे 55 एकड़ एरिया को एक यूनिफॉर्म तरीके से डेवलप किया जाएगा। इसे एक वर्ल्ड क्लास मेमोरियल का लुक देने के लिए ये अतिरिक्त सुविधाएं भी डेवलप की जाएंगी।