प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित श्रीलंका यात्रा भारत-श्रीलंका संबंधों के लिए महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम होगी। यह यात्रा अप्रैल के पहले सप्ताह में हो सकती है, खासकर बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन के बाद, जो 2 से 4 अप्रैल के बीच बैंकॉक में होगा।
इस दौरे का महत्व:
- द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना:
- श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के कार्यभार संभालने के बाद यह पीएम मोदी की पहली यात्रा होगी।
- दिसानायके ने दिसंबर 2024 में भारत आकर पीएम मोदी को दौरे का औपचारिक निमंत्रण दिया था।
- राजनीतिक और आर्थिक सहयोग:
- श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने में भारत की भूमिका अहम रही है।
- भारत ने बीते वर्षों में श्रीलंका को $4 बिलियन से अधिक की आर्थिक सहायता दी है।
- व्यापार, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है।
- सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी:
- भारत श्रीलंका में चीनी प्रभाव को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है।
- दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग, समुद्री सुरक्षा और बंदरगाह विकास पर चर्चा हो सकती है।
- तमिल समुदाय से जुड़ी चिंताएँ:
- श्रीलंका में तमिलों के अधिकारों और राजनीतिक समाधान को लेकर भारत लगातार संवाद करता रहा है।
- पीएम मोदी तमिल बहुल उत्तरी प्रांत के विकास से जुड़े मुद्दों को भी उठा सकते हैं।
पीएम मोदी की पिछली श्रीलंका यात्राएँ:
- मार्च 2015: 1987 के बाद किसी भारतीय पीएम की पहली श्रीलंका यात्रा।
- मई 2017: संयुक्त परियोजनाओं पर चर्चा के लिए।
- जून 2019: ईस्टर संडे आतंकी हमले के बाद एकजुटता दिखाने के लिए।
संभावित एजेंडा:
✔ बुनियादी ढाँचे में भारतीय निवेश बढ़ाने पर चर्चा
✔ तमिल समुदाय से जुड़े मुद्दों पर संवाद
✔ बंदरगाह और ऊर्जा परियोजनाओं में सहयोग
✔ श्रीलंका के आर्थिक संकट से निपटने में भारत की भूमिका पर चर्चा
भारत और श्रीलंका के बीच यह उच्च स्तरीय संपर्क न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा।