भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। संगम स्नान के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद रहे। यह क्षण ऐतिहासिक है, क्योंकि इससे पहले देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने महाकुंभ में पवित्र स्नान किया था।
#WATCH | Prayagraj, UP: President Droupadi Murmu offers prayers after taking a holy dip at Triveni Sangam during the ongoing Maha Kumbh Mela. pic.twitter.com/xLtUt27U66
— ANI (@ANI) February 10, 2025
राष्ट्रपति मुर्मू का प्रयागराज दौरा:
🔹 संगम स्नान: गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में डुबकी लगाकर सनातन आस्था को सशक्त किया।
🔹 अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन: राष्ट्रपति ने प्रयागराज के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में पूजा-अर्चना की।
🔹 8 घंटे से अधिक का प्रवास: राष्ट्रपति विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेंगी।
#WATCH | Prayagraj: President Droupadi Murmu leaves after offering prayers at Lete Hanumanji Temple.
UP Governor Anandiben Patel and CM Yogi Adityanath also present. pic.twitter.com/yTgAZdoE7c
— ANI (@ANI) February 10, 2025
राष्ट्रपति मुर्मू ने लेटे हुए हनुमानजी मंदिर में पूजा अर्चना की
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लेटे हनुमानजी मंदिर में पूजा-अर्चना की. इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं.
Prayagraj, UP: President Droupadi Murmu offered prayers at Lete Hanumanji Temple. CM Yogi Adityanath and Governor Anandiben Patel were also present.
Source: Information Department pic.twitter.com/10KWMiW0gd
— ANI (@ANI) February 10, 2025
संगम स्नान का महत्व:
🚩 धार्मिक मान्यता: त्रिवेणी संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
🚩 इतिहास: इससे पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने महाकुंभ में संगम स्नान किया था।
🚩 महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर जोर: राष्ट्रपति की यात्रा महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है।
सनातन आस्था और राष्ट्रपति का संदेश:
राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा सनातन धर्म और भारत की आध्यात्मिक विरासत के प्रति उनके सम्मान को दर्शाती है। संगम में डुबकी लगाकर उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को और अधिक सशक्त करने का संदेश दिया।
राष्ट्रपति का यह दौरा न केवल प्रयागराज की पवित्रता और उसकी सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाता है, बल्कि महाकुंभ 2025 के लिए बढ़ती तैयारियों का भी संकेत देता है। उनका संगम स्नान सनातन धर्म के प्रति राष्ट्र की श्रद्धा और आस्था को पुनः पुष्ट करता है।