भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की आगामी पुर्तगाल और स्लोवाकिया की राजकीय यात्रा कूटनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह दौरा केवल औपचारिक राजनयिक संवाद भर नहीं, बल्कि भारत और यूरोप के बीच बहुआयामी सहयोग को गहराई और गति देने की दिशा में एक ऐतिहासिक और रणनीतिक पहल है।
यात्रा का समय और महत्व:पुर्तगाल यात्रा: 7-8 अप्रैलराजनीतिक और राजनयिक महत्वराजनयिक संबंधों का इतिहासडायस्पोरा और शैक्षणिक जुड़ावस्लोवाकिया यात्रा: 8-10 अप्रैलराजनीतिक और आर्थिक सहयोगआर्थिक संबंध और निवेशडायस्पोरा और मानवीय संबंधरणनीतिक सहयोगयूरोप के साथ भारत की बढ़ती निकटता:यात्रा का व्यापक संदेश और उद्देश्य:
यात्रा का समय और महत्व:
- 7-10 अप्रैल 2025 तक यह दौरा होगा।
- राष्ट्रपति 7-8 अप्रैल को पुर्तगाल और 8-10 अप्रैल को स्लोवाकिया की यात्रा करेंगी।
- यह दौरा पुर्तगाल और स्लोवाकिया में किसी भारतीय राष्ट्रपति की क्रमशः 27 और 29 वर्षों बाद पहली यात्रा है।
पुर्तगाल यात्रा: 7-8 अप्रैल
राजनीतिक और राजनयिक महत्व
- पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर यह यात्रा हो रही है।
- भारत और पुर्तगाल के बीच राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ भी इस यात्रा की एक खास पृष्ठभूमि है।
- राष्ट्रपति मुर्मू प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो और नेशनल असेंबली (संसद) के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको से मुलाकात करेंगी।
राजनयिक संबंधों का इतिहास
- भारत और पुर्तगाल के संबंध 1974 के बाद बहाल हुए थे।
- 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर. नारायणन ने पुर्तगाल का दौरा किया था।
- पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा 2019 में भारत आए थे और राष्ट्रपति डी सूसा 2020 में।
डायस्पोरा और शैक्षणिक जुड़ाव
- राष्ट्रपति मुर्मू भारतीय प्रवासी समुदाय और शोधकर्ताओं/छात्रों से मुलाकात करेंगी।
- यह शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग को भी बढ़ावा देगा।
स्लोवाकिया यात्रा: 8-10 अप्रैल
राजनीतिक और आर्थिक सहयोग
- राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी और प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको से द्विपक्षीय बैठकें होंगी।
- प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ताएं भी होंगी, जिनमें व्यापार, निवेश, शिक्षा, रक्षा, और संस्कृति जैसे क्षेत्र शामिल होंगे।
आर्थिक संबंध और निवेश
- स्लोवाक कंपनियां भारत में स्टील निर्माण, आईटी हार्डवेयर, रक्षा उद्योग में निवेश कर रही हैं।
- दोनों देशों के बीच ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग की काफी संभावनाएं हैं।
डायस्पोरा और मानवीय संबंध
- स्लोवाकिया में लगभग 6,000 भारतीय प्रवासी रहते हैं, जिनमें से कई आईटी, इंजीनियरिंग और बिजनेस क्षेत्र में हैं।
- राष्ट्रपति मुर्मू प्रवासी भारतीयों को भी संबोधित करेंगी।
रणनीतिक सहयोग
- 2022 में यूक्रेन संकट के समय भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में स्लोवाकिया ने भारत की मदद की थी, जिसे भारत आज भी एक महत्वपूर्ण सहयोग के रूप में देखता है।
यूरोप के साथ भारत की बढ़ती निकटता:
- कुछ ही हफ्ते पहले, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और उनके आयोग के आयुक्तों ने भारत का दौरा किया था।
- इस दौरान यह घोषणा हुई कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) इस वर्ष के अंत तक अंतिम रूप ले सकता है।
- राष्ट्रपति मुर्मू की यात्रा इस प्रक्रिया को मजबूत करने में सहायक होगी।
यात्रा का व्यापक संदेश और उद्देश्य:
उद्देश्य | विवरण |
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राजनयिक संबंधों की मजबूती | भारत-यूरोप संबंधों को और प्रगाढ़ करना |
आर्थिक निवेश को प्रोत्साहन | स्टील, आईटी, रक्षा और ऑटो क्षेत्र में निवेश |
शैक्षणिक सहयोग | शोध, उच्च शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण में सहयोग |
भारतीय प्रवासियों से जुड़ाव | प्रवासी भारतीयों को सशक्तिकरण और संवाद |
मानवता आधारित सहयोग | 2022 यूक्रेन संकट में सहयोग का स्मरण |
राष्ट्रपति मुर्मू की पुर्तगाल और स्लोवाकिया यात्रा न केवल इतिहास में दर्ज होने वाली एक डिप्लोमैटिक माइलस्टोन होगी, बल्कि यह 21वीं सदी के वैश्विक भारत की सोच, कूटनीति और वैश्विक साझेदारी के नए युग का प्रतीक भी है।