भारत सरकार 30 मार्च को भारत रत्न सम्मान देगी. बता दें कि पूर्व-प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह , पूर्व-प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव , कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन , बिहार के पूर्व-मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है।
11 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाएगा कार्यक्रम
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, भारत रत्न देने का सम्मान समारोह 30 मार्च को 11 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाएगा। समारोह में भारत रत्न से जुड़े मेडल और प्रशस्ति पत्र इससे सम्मानित विभूतियों के परिवार जनों को सौंपा जाएगा। लालकृष्ण आडवाणी को छोड़कर अन्य चार विभूतियों को मरणोपरांत सम्मानित किया गया है, जाहिर है ये सम्मान उनके परिवार जन ही स्वीकार करेंगे।
पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के स्वास्थ्य को देखते हुए राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उनकी उपस्थिति की संभावना कम है। ऐसे में आडवाणी के लिए सम्मान भी उनके परिवार की ओर से लिए जाने की संभावना है।
जनवरी 1954 में पहली बार भारत रत्न की हुई शुरुआत
पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने दो जनवरी 1954 को भारत रत्न सम्मान की शुरुआत की थी. स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन और पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को पहली बार यह सम्मान प्रदान किया गया था. यह सम्मान किसी क्षेत्र में असाधारण एवं सर्वोच्च सेवा को मान्यता देने के लिए प्रदान किया जाता है.
सम्मान में मिलता है एक मेडल और सर्टिफिकेट
‘भारत रत्न’ मिलना बड़ी बात मानी जाती है. हालांकि ‘भारत रत्न’ पुरस्कार में कोई धनराशि नहीं मिलती है. यह सम्मान किसी भी फिल्ड के व्यक्ति को उसके उत्कृष्ट कार्यों या सेवाओं के लिए मिलता है. यह पुरस्कार व्यवसाय, पद, जाति, लिंग के भेदभाव के बिना प्रदान किया जाता है. ‘
‘भारत रत्न’ पुरस्कार में एक मेडल एवं सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है. जिस भी शख्स को ‘भारत रत्न’ दिया जाता है, उसे राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाणपत्र) एवं एक पदक प्रदान किया जाता है.