प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल (3 जनवरी, 2025) दिल्ली में कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इनमें झुग्गी-झोपड़ी निवासियों के लिए 1,675 फ्लैटों का उद्घाटन, शहरी पुनर्विकास परियोजनाएं, और दिल्ली विश्वविद्यालय की नई परियोजनाओं की आधारशिला रखना शामिल है।
मुख्य घोषणाएं और परियोजनाएं:
- झुग्गी पुनर्वास परियोजना:
- अशोक विहार के स्वाभिमान अपार्टमेंट में झुग्गी झोपड़ी समूहों के लिए 1,675 फ्लैटों का उद्घाटन होगा।
- ये फ्लैट दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के तहत बनाए गए हैं।
- लाभार्थियों को इन फ्लैटों की चाबियां प्रदान की जाएंगी।
- प्रत्येक फ्लैट पर सरकार द्वारा 25 लाख रुपये खर्च किए गए हैं, जबकि लाभार्थियों से केवल ₹1.42 लाख का नाममात्र योगदान लिया जाएगा।
- शहरी पुनर्विकास परियोजनाएं:
- नौरोजी नगर: विश्व व्यापार केंद्र (डब्ल्यूटीसी) का उद्घाटन। यह परियोजना 600 पुराने क्वार्टरों को आधुनिक वाणिज्यिक टावरों में बदलने पर केंद्रित है, जिसमें 34 लाख वर्ग फुट प्रीमियम वाणिज्यिक स्थान है।
- सरोजिनी नगर: जीपीआरए टाइप-II क्वार्टर में 2,500 से अधिक आवासीय इकाइयों का उद्घाटन। इसमें पर्यावरण-अनुकूल सुविधाएं जैसे वर्षा जल संचयन, सौर ऊर्जा, और जल उपचार संयंत्र शामिल हैं।
- द्वारका में सीबीएसई कार्यालय:
- सीबीएसई का नया एकीकृत कार्यालय परिसर, 300 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, जिसमें उन्नत डेटा सेंटर, जल प्रबंधन प्रणाली और पर्यावरण-अनुकूल सुविधाएं शामिल हैं।
- दिल्ली विश्वविद्यालय की नई परियोजनाएं:
- पूर्वी परिसर (सूरजमल विहार): एक अकादमिक ब्लॉक का निर्माण।
- पश्चिमी परिसर (द्वारका): एक अन्य अकादमिक ब्लॉक का निर्माण।
- वीर सावरकर कॉलेज (नजफगढ़): रोशनपुरा में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कॉलेज भवन का निर्माण।
पर्यावरण और हरित पहल:
- सभी परियोजनाओं में हरित भवन प्रथाओं, शून्य-निर्वहन अवधारणा, सौर ऊर्जा उत्पादन, और वर्षा जल संचयन जैसी सुविधाओं को प्राथमिकता दी गई है।
- सीबीएसई कार्यालय और नौरोजी नगर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को भारतीय हरित भवन परिषद (IGBC) के प्लेटिनम रेटिंग मानकों के अनुसार डिजाइन किया गया है।
प्रधानमंत्री का कार्यक्रम:
- 12:10 बजे: स्वाभिमान अपार्टमेंट का दौरा और लाभार्थियों को चाबियां सौंपना।
- 12:45 बजे: विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास।
इन विकास परियोजनाओं से दिल्ली के झुग्गी-झोपड़ी निवासियों को बेहतर जीवन और सुविधाओं का लाभ मिलेगा। साथ ही, दिल्ली के शहरी विकास और उच्च शिक्षा बुनियादी ढांचे को भी नई दिशा मिलेगी।