पुणे के चर्चित पोर्शे कार दुर्घटना मामले में एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को मामले में शामिल नाबालिग के पिता और दादा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उनके खिलाफ अपने ड्राइवर के कथित अपहरण और गलत तरीके से बंधक बनाने का आरोप है. रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल और उनके पिता को पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) ए ए पांडे की अदालत में पेश किया गया.
Pune car accident: Father, grandfather of accused minor sent to judicial custody for 14 days
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— ANI Digital (@ani_digital) May 31, 2024
पुलिस के अनुसार, 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर इलाके में जब लग्जरी पोर्शे कार ने दोपहिया वाहन को टक्कर मारी तो ड्राइवर पोर्शे में नाबालिग के साथ था. हादसे में दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत हो गई थी.
नाबालिग के दादा और पिता ने कथित तौर पर ड्राइवर को दुर्घटना का दोष अपने ऊपर लेने की धमकी दी थी. साथ ही उन्होंने कथित तौर पर ड्राइवर का अपहरण कर लिया था और उसे अवैध रूप से अपने घर में कैद कर लिया था. ड्राइवर की पत्नी ने उसे वडगांव शेरी इलाके में आरोपी के बंगले के सर्वेंट क्वार्टर से मुक्त कराया.
बचाव पक्ष ने पुलिस हिरासत मांगने पर जताई आपत्ति
अभियोजन पक्ष की ओर से पुलिस रिमांड बढ़ाने की मांग की गई और कहा कि “अपराध में इस्तेमाल फोन और कार की बरामदगी” से मामले में प्रगति हुई है. साथ ही कहा कि उनकी आगे की हिरासत की जरूरत है क्योंकि आरोपी मामले में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
वहीं बचाव पक्ष के वकील ने पुलिस हिरासत मांगने पर आपत्ति जताते हुए तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष को मामले की जांच के लिए पहले ही पर्याप्त समय मिल चुका है. उनकी दलील थी कि चूंकि कार, फोन और सीसीटीवी फुटेज पहले ही बरामद कर लिया गया है, इसलिए आगे पुलिस हिरासत की कोई जरूरत नहीं है.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
अस्पताल में ब्लड सैंपल बदलने का आरोप
वहीं नाबालिग को 5 जून तक एक ऑब्जर्वेशन होम में भेजा गया है. इस मामले ने नया मोड़ तब आया जब पुलिस ने कहा कि नाबालिग के ब्लड सैंपल को ससून जनरल अस्पताल में बदल दिया गया था, जिससे यह दिखाया जा सके कि यह दिखाया जा सके कि दुर्घटना के समय वह नशे में नहीं था.
पुलिस ने नाबालिग के रक्त के नमूनों में हेरफेर करने के आरोप में ससून अस्पताल में फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के तत्कालीन प्रमुख डॉ. अजय तावड़े, चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हरनोल और कर्मचारी अतुल घटकांबले को गिरफ्तार किया है.