झुंझनू, राजस्थान में रफीक उर्फ अली खान नाम के मुस्लिम ‘आलिम’ को गिरफ्तार किया गया है। उस पर महिलाओं को झांसे में लेकर उनका शारीरिक शोषण करने का आरोप है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रफीक पहले महिलाओं को भूत-प्रेत का डर दिखाकर उनका विश्वास प्राप्त करता था और फिर उनका शोषण करता था। पुलिस ने एक पीड़िता की शिकायत पर उसे गिरफ्तार किया।
जांच में यह भी सामने आया कि रफीक, जो बंगाल का रहने वाला है, पहले युवतियों से उनकी सारी जानकारी प्राप्त करता था और फिर उनका शारीरिक तथा आर्थिक शोषण करता था। रफीक की पहले से दो बीवियाँ थीं, और वह हमेशा अपनी जेब में हड्डियाँ रखता था ताकि वह तंत्र-मंत्र का डर दिखाकर लोगों को बेवकूफ बना सके।
मीडिया में इस मामले को रिपोर्ट करते हुए रफीक को तंत्र-मंत्र से जुड़ा तांत्रिक बताया जा रहा है, और हेडलाइनों में उसे ‘बंगाली बाबा’ के रूप में संदर्भित किया जा रहा है। यह दर्शाता है कि मीडिया ने इस मामले को एक विशेष तरीके से प्रस्तुत किया है, जो कि विषय के वास्तविक और गंभीर पहलू से हटा हुआ प्रतीत हो सकता है।
मालूम हो कि ये तांत्रिक, तंत्र-मंत्र, बाबा… ये सारे वो शब्द हैं जो हिंदू धर्म से संबंधित हैं। अन्य मजहब में ऐसे झाड़-फूँक काम करने वालों के लिए अलग शब्द होते है और इसलिए सालों से दक्षिणपंथी किसी मुस्लिम आलिम के अपराधी होने पर तांत्रिक शब्द के इस्तेमाल का विरोध करते रहे हैं। लेकिन बावजूद इन विरोधों के मीडिया बाज हीं आया।
अब भी जिन शब्दों का लेना-देना हिंदू धर्म से है उनका इस्तेमाल किसी दूसरे मजहब के लोगों के अपराध को बताने के लिए किया जाता है। ये पहली बार नहीं है जब मीडिया ने ऐसी हरकत की हो।