संसद के शीतकालीन सत्र से पहले संसद पुस्तकालय भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई।मालूम हो कि शीतकालीन सत्र से पहले संसद पुस्तकालय भवन में सर्वदलीय बैठक चल रही है। संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक चलेगा।
केंद्रीय मंत्री समेत कई नेता पहुंचे
इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी, तृणमूल नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, राकांपा नेता फौजिया खान और आरएसपी नेता एन के प्रेमचंद्रन सहित अन्य जैसे वरिष्ठ नेता भाग ले रहे हैं।
#WATCH | Delhi: An all-party meeting is underway at the Parliament Library building, ahead of the winter session of Parliament.
The winter session of Parliament, 2023 will begin from December 4 and continue till December 22. pic.twitter.com/PSwDtGFyPk
— ANI (@ANI) December 2, 2023
लंबित विधेयकों पर होगी चर्चा
बता दें कि संसद में 37 विधेयक लंबित हैं, इनमें 12 विधेयक इस शीतकालीन सत्र में पारित हो सकते हैं, जिसमें आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट को बदलने वाले विधेयक भी शामिल हैं। विभिन्न पार्टियों के नेता संसद भवन पहुंच गए हैं। कांग्रेस की तरफ से उसके वरिष्ठ नेता जयराम रमेश भी संसद पहुंचे हैं।
#WATCH | Delhi: Congress MP Jairam Ramesh and other leaders arrive at Parliament for the all-party meeting ahead of the winter session of Parliament.
The winter session of Parliament, 2023 will begin from December 4 and continue till December 22. pic.twitter.com/gdMOzjdOIY
— ANI (@ANI) December 2, 2023
लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले जेएमएम सांसद महुआ माजी ने कहा कि गैर-भाजपा नेताओं को परेशान करने के लिए जैसे वह लोग सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं, यह देश के लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
#WATCH | Delhi: Ahead of the winter session of Parliament, JMM MP Mahua Maji says, "The way they are using CBI and ED to trouble the state and leaders who are not in the BJP. This is dangerous for the democracy of the country… This is one of the biggest issues…" pic.twitter.com/legcOuOaWb
— ANI (@ANI) December 2, 2023
15 बैठके होंगी आयोजित
संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू हो रहा है और 22 दिसंबर तक 15 बैठकें होंगी, जिसके दौरान औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए तीन विधेयकों सहित प्रमुख मसौदा कानूनों पर विचार करने की उम्मीद है।