भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” की रणनीतिक, सैन्य और कूटनीतिक गहराई को और भी मजबूती से रेखांकित करता है। इसमें अब न केवल आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले शामिल हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र की संपूर्ण सक्रियता, अंतरराष्ट्रीय संवाद, और आंतरिक सुरक्षा सतर्कता (जैसे उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट) को भी समाहित किया गया है।
सेना का निर्णायक हमला
भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात 1:28 AM पर “ऑपरेशन सिंदूर” लॉन्च किया। इस एयरस्ट्राइक में आतंकवाद के गढ़ माने जाने वाले:
-
लाहौर (हाफिज सईद के ठिकाने)
-
बहावलपुर (मसूद अजहर का अड्डा)
-
PoK में मुजफ्फराबाद, कोटली, धामोल और बाघ को निशाना बनाया गया।
सटीक हमले के परिणाम
-
लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कुल 30 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि।
-
9 आतंकी ठिकाने पूरी तरह ध्वस्त।
-
केवल आतंकी ठिकानों को लक्ष्य, कोई नागरिक ढांचा प्रभावित नहीं — यह बात NSA अजीत डोभाल ने स्पष्ट की।
उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट
भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट घोषित किया गया है।
-
DGP प्रशांत कुमार ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी दी कि:
“UP पुलिस को सभी रक्षा इकाइयों के साथ समन्वय कर महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए गए हैं।”
-
सभी रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों, धार्मिक स्थलों, औद्योगिक हब और रक्षा ठिकानों की सुरक्षा कड़ी।
Red Alert has been declared in Uttar Pradesh following #OperationSindoor — the Indian Army’s targeted strike on terror hideouts.
All @Uppolice field formations have been instructed to coordinate with Defence units and strengthen the security of vital installations.
UP Police… pic.twitter.com/XOfOr1tTIq
— DGP UP (@dgpup) May 7, 2025
कूटनीतिक प्रतिक्रिया और सूचना साझाकरण
भारत ने यह कार्रवाई केवल सैन्य मोर्चे पर नहीं, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी तैयार रहकर की:
-
NSA अजीत डोभाल ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से सीधी बात की।
-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“उम्मीद है ये तनाव जल्द समाप्त होगा।”
-
भारत ने ब्रिटेन, रूस, सऊदी अरब और UAE को भी पहले से जानकारी दी।
यह केवल जवाब नहीं, संदेश भी है
-
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद की फैक्ट्री चला रहे देशों को अब बख्शा नहीं जाएगा।
-
“ऑपरेशन सिंदूर” केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि राष्ट्र की अस्मिता, संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा का प्रतीकात्मक नाम बन चुका है।