पीलीभीत (उत्तर प्रदेश) और नेपाल सीमा से जुड़े क्षेत्रों में धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग, नशीले पदार्थों की तस्करी और सीमा सुरक्षा से संबंधित जो घटनाएं सामने आ रही हैं, वे राज्य और राष्ट्रीय सुरक्षा, साथ ही सामाजिक संतुलन के लिहाज से चिंता का विषय हैं। यहां इस पूरे घटनाक्रम का विश्लेषण बिंदुवार किया गया है:
मुख्य बिंदु: धर्मांतरण का नेटवर्क
- सिखों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण:
- करीब 3000 सिखों के धर्मांतरण का दावा।
- यह प्रक्रिया पिछले दो दशकों से जारी है, जिसकी रफ्तार 2025 में तेजी से बढ़ी है।
- नेपाल सीमा से सटे बेल्हा, भागीरथ और सिंघाड़ा जैसे गाँव इस नेटवर्क का केंद्र बन गए हैं।
- प्रलोभन देकर धर्मांतरण:
- घर, पैसा, नौकरी और इलाज के नाम पर लालच।
- दक्षिण कोरिया के ईसाई समूहों से संबंध के संकेत (जैसे घरों में कोरियाई कैलेंडर)।
- विदेशी फंडिंग का संदेह।
- चर्च निर्माण और नेपाल से संबंध:
- नेपाल के रिछा टाउन में विशाल चर्च और भारत के बेल्हा गाँव में नया चर्च निर्माण।
- नेपाल से आए पादरियों ने 2002 में शुरू किया था धर्म प्रचार।
सुरक्षा चिंताएँ
- नेपाल-भारत सीमा की कमजोर निगरानी:
- बॉर्डर पर न कंटीली तार, न चौकसी – केवल पिलर आधारित सीमा।
- खेतों और नदी (शारदा) के जरिए आसान आवाजाही।
- ड्रग्स और नशीले पदार्थों की तस्करी:
- नेपाल से बड़ी खेप की आपूर्ति का आरोप।
- इसका उपयोग धर्मांतरण के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को जाल में फँसाने के लिए हो सकता है।
- बीएसएफ की चुनौतियाँ:
- खुली सीमा के कारण बीएसएफ द्वारा रोकथाम मुश्किल।
- डेमोग्राफिक बदलाव और स्थानीय असंतोष को बढ़ावा।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
- एफआईआर और कार्रवाई:
- 8 लोगों पर एफआईआर, 2 को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को सौंपा गया।
- धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत उत्तर प्रदेश प्रशासन की सक्रियता।
- ‘घर वापसी’ की पहल:
- अब तक करीब 500 लोगों ने सिख धर्म में वापसी की।
- संगठन की चिंता: नाम नहीं बदलने से भ्रम बना रह जाता है।
सामाजिक और राष्ट्रीय दृष्टिकोण
- यह मामला न केवल धार्मिक पहचान और आस्था से जुड़ा है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, और आंतरिक सामाजिक समरसता के लिए भी खतरे की घंटी है।
- उत्तर प्रदेश प्रशासन, गृह मंत्रालय और भारत-नेपाल संबंधों की समीक्षा करने वाले निकायों को इस इलाके में स्पेशल इंटेलिजेंस ऑपरेशन, सीमा पर चौकसी, और विदेशी फंडिंग की जांच बढ़ानी होगी।
संभावित समाधान और सुझाव:
- नेपाल बॉर्डर पर SSB (Sashastra Seema Bal) की तैनाती और निगरानी बढ़ाई जाए।
- विदेशी फंडिंग ट्रेल की NIA या ED द्वारा जांच।
- स्थानीय रोजगार और शिक्षा की व्यवस्था से प्रलोभन को कम किया जाए।
- स्थानीय धार्मिक और सामाजिक संगठनों को जागरूकता अभियान में जोड़ा जाए।
- ‘नाम बदलकर धर्मांतरण’ की चुनौती से निपटने के लिए कानून में स्पष्टता लाई जाए।