ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद तेहरान में प्रॉक्सी सम्मेलन हुआ, जिसमें कई ईरान समर्थित संगठनों के प्रमुख और बड़े लीडर्स शामिल हुए. जानते हैं क्यों, रईसी की मौत का प्रतिशोध लेने के लिए. इजरायल-अमेरिका से इंतकाम लेने के लिए. इसी कड़ी में बीती रात यमन में अमेरिका के रीपर ड्रोन का दहन किया गया.
ईरानी मिसाइलों के जरिए हूती ने बाइडेन के उड़नदस्ते का शिकार किया तो क्या इस हमले के साथ ही रईसी की मौत का प्रतिशोध शुरू हो चुका है. रीपर ड्रोन अमेरिका का एक खासा और आधुनिक ड्रोन हैं. इसका इस्तेमाल युद्ध से लेके जासूसी करने में अमेरिकी सेना करती आई है.
रीपर ड्रोन की खासियत
करीब 250 करोड़ की लागत वाले इस अमेरिकी ड्रोन की खासियत-ताकत और क्षमता क्या है, जिसके चलते इसे दुनिया का सबसे घातक बारूदी उड़नदस्ता माना जाता है. रिपर ड्रोन की बड़ी खासियत ये है कि अमेरिका का ये आसमानी शिकारी जासूसी के अलावा अटैक और डिफेंस करने की क्षमता से भी लैस है.
MQ-9 रीपर ड्रोन की 368 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आसमान में उड़ान भरता है. अब बात इसमें लगे घातक हथियारों की. रीपर ड्रोन में चार AGM-114 हेलफायर मिसाइल लगी होती है जो लेजर गाइडेड है. इसके अलावा ड्रोन में टार्गेटिंग सिस्टम, विजुअल सेंसर और हाईटेक कैमरे भी लगे होते हैं. ये ड्रोन करीब 1701 किलो वजनी विस्फोटक साथ ले जाने की क्षमता रखता है. MQ-9 रीपर ड्रोन अधिकतम 50 हजार फीट तक की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. रीपर ड्रोन एक मानवरहित UAV है, जिसे कंट्रोल रूम से 2 रिमोट पायलट और एक सेंसर ऑपरेटर चलाते हैं.
ईरानी मिसाइल के आगे फिसड्डी अमेरिकी ड्रोन
अपनी एक उड़ान में रीपर ड्रोन करीब 1,851 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है. साल 2007 से अमेरिकी वायुसेना MQ-9 रीपर ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है. अब तक इस ड्रोन कई खतरनाक मिशन को भी बखूबी अंजाम दिया है. मगर हूती लड़ाकों और उनकी मिसाइलों के आगे ये अमेरिकी ड्रोन फिसड्डी साबित होता दिखाई दे रहा है.
खामनेई की हमास चीफ से मुलाकात
रईसी की मौत के बाद ईरानी प्रॉक्सी का बेलगाम होना तय माना जा रहा है और शायद इसकी शुरुआत हूती और इस्लामिक रेजिस्टेंस ने अपने हमलों के साथ कर दी है. मगर इसी बीच दावा ये किया जा रहा है कि रईसी की मौत का बदला लेने के लिए ईरान में इजराइल विनाश का ब्लूप्रिंट तैयार हो चुका है और इसी ब्लूप्रिंट पर मुहर लगाने के लिए तमाम प्रॉक्सी संगठनों के मुखिया तेहरान पहुंच चुके हैं.
हमास चीफ इस्माइल हानिया ने तो ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई से मुलाकात भी की. दावा किया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच घंटों बातचीत हुई. इतना ही नहीं दावा ये भी किया जा रहा है कि. कताइब हिज्बुल्लाह के लीडर काइस अल खजाली भी तेहरान में मौजूद थे.