राजस्थान की राजधानी जयपुर के करणी विहार में शरद पूर्णिमा के अवसर पर हुए एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान हिंसा की घटना सामने आई, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 10 कार्यकर्ता घायल हो गए। ये घटना गुरुवार (18 अक्टूबर, 2024) को करणी विहार के शिव मंदिर में हुई, जहाँ आरएसएस द्वारा शरद पूर्णिमा के मौके पर खीर वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। हमले में चाकुओं से लैस लोग मंदिर में घुस आए और श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया। हमले के बाद नसीब चौधरी और उसके बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदिर में आरएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा था और प्रसाद के रूप में खीर बांटी जा रही थी। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाले दो लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और शोर और भीड़ का हवाला देते हुए कार्यक्रम पर आपत्ति जताई। इन लोगों ने आयोजकों से कार्यक्रम को रोकने की माँग की, जिसके बाद बहस शुरू हो गई। बहस के बाद रात करीब 10 बजे चाकुओं और अन्य हथियारों से लैस लोगों ग्रुप मंदिर में घुस आया और हमला कर दिया।
जयपुर के करणी विहार में हमलावरों ने बिना किसी चेतावनी के श्रद्धालुओं पर चाकुओं से हमला किया और प्रसाद की खीर को जमीन पर फेंक दिया। इस हिंसक हमले में श्रद्धालुओं के पेट और छाती जैसे महत्वपूर्ण हिस्सों पर वार किया गया, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में शंकर बागड़ा, मुरारीलाल, राम पारीक, लखन सिंह जादौन, पुष्पेंद्र और दिनेश शर्मा शामिल हैं, जिन्हें इलाज के लिए जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना के बाद बड़ी संख्या में आरएसएस कार्यकर्ता करणी विहार थाने के बाहर जमा हो गए और आरोपितों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की माँग की। इस घटना से लोगों में भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने दिल्ली-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग को कुछ देर के लिए जाम भी कर दिया। हालाँकि, पुलिस के हस्तक्षेप के बाद जाम हटा लिया गया। पुलिस ने मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए नसीब चौधरी और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109 (हत्या के प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया है।
इस घटना पर जयपुर पश्चिम के सहायक पुलिस आयुक्त आलोक गौतम ने कहा, “यह घटना गुरुवार रात जयपुर के करणी विहार में आरएसएस के कार्यक्रम के दौरान हुई। दो स्थानीय निवासियों ने शोर और भीड़ पर आपत्ति जताई, जिसके बाद उनका आरएसएस कार्यकर्ताओं से टकराव हो गया। हालात तब और बिगड़ गए जब इन लोगों ने अपने समूह के और लोगों को बुला लिया, जिसके बाद हमला हुआ।”
हालाँकि, इस हमले के पीछे का सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन कुछ लोगों के मुताबिक यह जमीन से जुड़ा विवाद हो सकता है। भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने आरोप लगाया कि नसीब चौधरी जमीन हड़पने की गतिविधियों में शामिल है और मंदिर के पास उसका घर अवैध रूप से बना हुआ है। वहीं, कॉन्ग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मामले को सांप्रदायिक विवाद मानने से इनकार किया और इसे एक निजी जमीन विवाद बताया, जिसमें एक ही समुदाय के लोग शामिल हैं। फिलहाल, मामले की जाँच जारी है और पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।