सुदर्शन एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली ने हाल ही में एक अभ्यास में बड़ी सफलता हासिल की, जहां इसने ‘दुश्मन’ लड़ाकू विमानों के 80 प्रतिशत पैकेज को ‘मार गिराया’। अन्य विमानों को इसने पीछे हटने पर मजबूर कर दिया, जिससे उनके मिशन रद हो गए।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अभ्यास भारतीय वायुसेना द्वारा एक थिएटर में किया गया था, जहां सैन्य बल ने लंबी दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के अपने एक स्क्वाड्रन को तैनात किया था। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना द्वारा मिसाइल प्रणाली के बल में पूर्ण एकीकरण को प्रदर्शित करने के लिए यह अभ्यास आयोजित किया गया था।
S-400 air defence system 'shot down' almost entire 'enemy' package in exercise; major success for IAF
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— ANI Digital (@ani_digital) July 27, 2024
भारतीय वायुसेना ने अब इस प्रणाली को पूरी तरह से एकीकृत कर लिया है, जिसके तीन स्क्वाड्रन पहले ही शामिल किए जा चुके हैं और 2026 में दो और की आपूर्ति होने की उम्मीद है। भारतीय पक्ष ने अनुरोध किया है कि रूस इन प्रणालियों की आपूर्ति में तेजी लाए।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि अभ्यास के दौरान एस-400 हथियार प्रणाली की क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए असली लड़ाकू विमान उड़ान भर रहे थे। वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली एस-400 को अब भारतीय वायुसेना भगवान कृष्ण के शक्तिशाली चक्र के नाम पर सुदर्शन कहती है।
वायु रक्षा प्रणाली ने अभ्यास के दौरान ‘दुश्मन’ के 80 प्रतिशत विमानों को ‘मार गिराया’ और शेष बचे विमानों ने अपना मिशन रद कर दिया। इन विमानों का उद्देश्य भारतीय क्षेत्र में अपने लक्ष्यों पर ‘हमला’ करना था। उन्हें वायु रक्षा प्रणाली द्वारा रोक दिया गया।
सुदर्शन के 5 स्क्रॉड्रन की होनी है तैनाती, स्वदेशी-इजरायली मिसाइल भी मिली
गौरतलब है कि भारत ने रूस के साथ 2018-19 में एस-400 के 5 स्क्वॉड्रन के लिए 35,000 करोड़ रुपए से अधिक का समझौता किया था। भारत को तीन स्क्वॉड्रन मिल चुकी हैं, 2 अभी आनी आनी हैं। रूस पिछले 2 साल से यूक्रेन के साथ युद्ध में फंसा हुआ है, जिसकी वजह से एस-400 सिस्टम की डिलीवरी पर भी असर पड़ा है। हालाँकि रूस और भारत के बीच समझौते के मुताबिक, 2026 तक सभी 5 सिस्टम्स की आपूर्ति कर दी गई जाएगी। इस बीच, भारतीय रक्षा अधिग्रहण परिषद ने हाल ही में प्रोजेक्ट कुशा के तहत भारतीय लॉन्ग रेंज सरफेस एयर मिसाइल सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी है। इसके अलावा स्वदेशी एमआर-एसएएम और आकाश मिसाइल सिस्टम के साथ-साथ इजरायली स्पाइडर क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम भी सेना को मिली हैं।