संभल के जामा मस्जिद को लेकर इलाहाबाद कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि मजहबी ढाँचे के भीतर किसी प्रकार की रंगाई-पुताई नहीं की जा सकती। यहाँ अब केवल मस्जिद कमेटी को सफाई करने की अनुमति है।
बता दें कि संभल मस्जिद समिति की तरफ से इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका डालते हुए रंगाई-पुताई की परमिशन माँगी थी, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने इस माँग को अस्वीकार कर दिया है। इस रिपोर्ट में कहा गया था ढाँचे में कोई ऐसी संरचनात्मक समस्या नहीं है इसलिए इसकी मरम्मत या फिर रंगाई करना जरूरी नहीं है। अब मामले में अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी।
Uttar Pradesh: The Allahabad High Court denied permission to repaint Sambhal Shahi Jama Masjid after the Archaeological Survey of India reported no need for improvement. Meanwhile, police forces, including RRF and PAC, have been deployed around the mosque to maintain security… pic.twitter.com/YEG0UXioqc
— IANS (@ians_india) February 28, 2025
गौरतलब है कि मस्जिद कमेटी ने माँग की थी कि रमजान के मद्देनजर उन्हें मरम्मत कराने की अनुमति दी जाए। इसी के बाद कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को आदेश दिया कि वो मस्जिद में जाकर देखे कि रमजान से पहले सफेदी और सजावट की कितनी जरूरत है। इसके लिए ASI की तीन लोगों की टीम बनाई गई थी, जो मस्जिद का मुआयना करने गई थी।
24 नवंबर को हुई थी हिंसा
19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल स्थित चंदौसी की अदालत में संभल की शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने को लेकर कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि, हरिशंकर जैन समेत आठ वादकारियों ने छह लोगों के विरुद्ध दावा दायर किया था।
इसके बाद कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव को नियुक्त करके सर्वे (कमीशन) किए जाने के आदेश दिया था। बाद में 24 अगस्त को सर्वे के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जमकर उत्पात मचाया था। 4 लोगों की मौत भी हो गई थी। हालांकि, पुलिस प्रशासन की सख्ती के आगे प्रदर्शनकारियों की एक नहीं चली। सर्वे पूरा कर लिया गया था। विष्णु शंकर जैन ने संभल की कथित मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए कहा कि 1526 में मुगल आक्रान्ता बाबर ने मंदिर को तोड़कर उसके स्थान पर मस्जिद को बनाने की कोशिश की थी। ये भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है, जिस पर किसी का कोई अतिक्रमण नहीं हो सकता है।