वित्त मंत्रालय में सचिव (राजस्व) संजय मल्होत्रा भारतीय रिजर्व बैंक के अगले गवर्नर होंगे. सरकार ने सोमवार को RBI के नए गवर्नर के लिए संजय मल्होत्रा के नाम का ऐलान किया. वह मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास की जगह लेंगे. दास को पहली बार दिसंबर 2018 में RBI गवर्नर अपॉइंट किया गया था. उनका कार्यकाल 10 दिसंबर को खत्म हो रहा है. संजय मल्होत्रा 11 दिसंबर को RBI के नए गवर्नर के तौर पर कार्यभार संभालेंगे. उनका कार्यकाल अगले 3 साल के लिए होगा. संजय मल्होत्रा भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर होंगे.
संजय मल्होत्रा 1990 बैंच के राजस्थान कैडर के IAS अफसर हैं. उन्होंने IIT कानपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है. प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से उन्होंने मास्टर्स की पढ़ाई की है. बीते 30 सालों से मल्होत्रा ने पावर, फाइनेंस, टैक्सेशन, आईटी और माइंस जैसे विभागों में अपनी सेवाएं दी हैं. नवंबर 2020 में वह REC के चेयरमैन और मैनेजिंग एडिटर बने थे. मल्होत्रा ऊर्जा मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं.
Appointments Committee of the Cabinet has appointed Revenue Secretary Sanjay Malhotra as the next Governor of the Reserve Bank of India for a three-year term from 11.12.2024 pic.twitter.com/4UfunEGEuH
— ANI (@ANI) December 9, 2024
संजय मल्होत्रा को राज्य और केंद्र सरकार में फाइनेंस और टैक्सेशन के क्षेत्र में काम करने का व्यापक अनुभव है. अपने वर्तमान कार्यभार के तहत वे डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स के संबंध में टैक्स पॉलिसी मेकिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
संजय मल्होत्रा को फाइनेंस के मामलों में सुधारवादी और मजबूत काम करने वाले अफसरों में गिना जाता है. उन्हें राजस्थान के करीब सभी विभागों में काम करने का अनुभव है. मल्होत्रा की PM मोदी के पसंदीदा अफसरों में गिनती होती है.
शक्तिकांत दास ने निभाईं कई भूमिकाएं
मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग और आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव के रूप में काम कर चुके हैं। दास ने आठ केंद्रीय बजटों पर काम किया। वह 15वें वित्त आयोग के सदस्य और G20 में भारत के लिए शेरपा भी थे। दास ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, न्यू डेवलपमेंट बैंक और एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक में भारत के वैकल्पिक गवर्नर के रूप में भी भूमिका निभाई। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछली बैठक में रिजर्व बैंक ने लगातार 11वीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। दास ने द्विमासिक नीति पेश करते हुए कहा था कि आरबीआई का प्रयास मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखना है।