सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश के पूर्व चीफ जस्टिस रह चुके यू यू ललित को पश्चिम बंगाल में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए समिति का प्रमुख नियुक्त किया है।
बंगाल की टीएमसी सरकार का राज्य के गवर्नर सी वी आनंद बोस के साथ राज्य के विश्वविद्यालयों के संचालन के तरीके को लेकर मतभेद चल रहा है। गवर्नर बोस राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं।
समिति को दो हफ्ते के भीतर गठित करने का आदेश
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने निर्देश देते हुए समिति का गठन दो हफ्ते के भीतर करने का आदेश दिया। पीठ ने इस बात पर गौर किया कि राज्य सरकार और राज्यपाल कार्यालय दोनों ही समिति के गठन पर सहमत हों।
जस्टिस ललित के अलावा समिति में पांच सदस्य होंगे
जस्टिस ललित के अलावा समिति में पांच सदस्य होंगे, जो हर विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति के लिए अल्फाबेटिकल ऑर्डर में तीन नामों का पैनल तैयार करेंगे।
प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन महीने का समय निर्धारित
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन महीने का समय निर्धारित किया गया है। समिति की सिफारिशें, अध्यक्ष द्वारा अनुमोदित, मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की जाएंगी।
हर बैठक के लिए मिलेंगे तीन लाख रुपये
पीठ ने कहा, “अगर मुख्यमंत्री को कोई उम्मीदवार ठीक नहीं लगता है तो इसके टिप्पणी सहित दो हफ्ते के भीतर कुलाधिपति (राज्यपाल) को भेज दी जाएंगी।” इस समिति का पारिश्रमिक राज्य वहन करेगी। वहीं, पूर्व मुख्य न्यायाधीश ललित को समिति की हर बैठक के लिए तीन लाख रुपये मिलेंगे।