मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर 2024 को विस्तृत सुनवाई का निर्णय लिया है। यह मामला हिंदू पक्ष और मस्जिद समिति के बीच लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद का हिस्सा है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने यह सुनिश्चित किया है कि इस मुद्दे पर विस्तृत बहस का मौका दिया जाएगा और मामले की कानूनी स्थिति स्पष्ट की जाएगी।
पृष्ठभूमि:
- विवाद: यह विवाद मथुरा में स्थित कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और उससे सटे शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ईदगाह मस्जिद मंदिर की भूमि पर बनी है, और वे इस भूमि को पुनः प्राप्त करना चाहते हैं।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश:
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें हिंदू पक्ष की 18 याचिकाओं की सुनवाई पर सवाल उठाए गए थे।
- हाईकोर्ट ने निचली अदालतों में इन मामलों की सुनवाई को जारी रखने की अनुमति दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका:
मस्जिद समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनका तर्क है कि ये याचिकाएँ पूजा स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 का उल्लंघन करती हैं, जिसके तहत धार्मिक स्थलों की स्थिति 15 अगस्त 1947 के अनुसार बनाए रखने का प्रावधान है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी:
- मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अंतर-न्यायालय अपील का विषय हो सकता है।
- कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता को पूरी तरह से अपनी बात रखने का अवसर दिया जाएगा।
आगे की कार्रवाई:
- सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 9 दिसंबर को विस्तृत सुनवाई करेगा।
- इस दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनी जाएंगी और कानूनी स्थिति का निर्धारण किया जाएगा।
क्या था हाई कोर्ट का फैसला?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा में मंदिर-मस्जिद विवाद से जुड़े हुए 18 मामलों की स्थिरता को चैलेंज करने वाली प्रबंधन समिति, ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह की याचिका को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने फैसले में कहा था कि शाही ईदगाह के धार्मिक चरित्र को निर्धारित करने की जरूरत है.