पांच साल बाद भारत में H9N2 वायरस के दूसरे मामले की पुष्टि हुई है. 4 साल का बच्चा बर्ड फ्लू वायरस से ग्रसित है. इस बात की पुष्टि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने की है. WHO का कहना है कि H9N2 वायरस से होने वाले बर्ड फ्लू से मानव संक्रमण के मामले की पुष्टि हुई है. पश्चिम बंगाल में चार साल का बच्चा बर्ड फ्लू का शिकार है. वायरस से ग्रसित बच्चा पश्चिम बंगाल के एक स्थानीय अस्पताल के ICU में भर्ती था.
WHO confirms human case of bird flu in India https://t.co/nH8rJ8eKS1 pic.twitter.com/QmIrfl4YFZ
— Reuters Asia (@ReutersAsia) June 12, 2024
WHO का कहना है कि वायरस से पीड़ित बच्चा गंभीर सांस की समस्या, तेज बुखार और पेट में ऐंठन के कारण फरवरी से अस्पताल में भर्ती था और तीन महीने इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वायरस से पीड़ित बच्चा घर और उसके आस-पास के इलाकों में स्थित पोल्ट्री के संपर्क में था. बच्चे के परिवार के किसी अन्य सदस्य में H9N2 वायरस के लक्षण नहीं देखे गए हैं.
WHO का कहना है कि भारत में H9N2 बर्ड फ्लू का यह दूसरा मानव संक्रमण है. 2019 में भारत में बर्ड फ्लू का इंसानों में संक्रमण का पहला मामला सामने आया था. WHO का कहना है कि भारत में बर्ड फ्लू के मानव संक्रमण के अन्य छिटपुट मामले हो सकते हैं क्योंकि यह वायरस विभिन्न क्षेत्रों में पोल्ट्री में प्रसारित होने वाले सबसे प्रचलित एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस में से एक है. हालांकि अभी तक इस पर हेल्थ मिनिस्ट्री की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.
क्या होता है H9N2 वायरस?
H9N2 एक वायरस है. यह वायरस पक्षियों में होता है. आमतौर पर मुर्गियों में यह वायरस पाया जाता है जिसे बर्ड फ्लू कहते हैं. H9N2 इन्फ्लूएंजा वायरस का सबटाइप है जो पहले पक्षियों को इफेक्ट करता है और फिर उनसे मनुष्य में इसका संक्रमण होता है. यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. हालांकि इस वायरस के मनुष्यों में संक्रमण के मामले बेहद कम होते हैं. मुर्गी पालन केंद्रों में पाली गई मुर्गियों के संपर्क में आने से यह वायरस हो सकता है. भारत में पांच साल बाद इस वायरस का दूसरा मामला सामने आया है जिसकी वर्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने पुष्टि कर दी है. इस वायरस से ग्रसित चार साल के बच्चे को 26 जनवरी से पेट में ऐंठन और बुखार की समस्या थी जिसके बाद उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया
H9N2 वायरस से बचने के लिए याद रखें ये बातें
डॉ. मोहन कुमार सिंह, वरिष्ठ सलाहकार-आंतरिक चिकित्सा, मारेंगो एशिया अस्पताल, गुरुग्राम बताते हैं कि बर्ड फ्लू पशु-पक्षी में होने वाला वायरस है. लेकिन संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से इसका इंफेक्शन इंसानों में भी हो सकता है. ऐसे में बचाव के लिए इन 4 बातों को जरूर याद रखें-
1. संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए, जीवित मुर्गी और पक्षी बाजारों में अपने संपर्क को सीमित करें.
2. हमेशा अपने हाथ धोएं, विशेष रूप से पक्षियों की जगहों पर जाने के बाद.
3. संभावित वायरल स्रोतों के साथ सीधे संपर्क को कम करने के लिए, पक्षियों को छूते समय दस्ताने और मास्क पहनें.
4. किसी भी संभावित वायरस से छुटकारा पाने के लिए अंडे और मुर्गी के सेवन से पहले उन्हें पूरी तरह से उबालने का ध्यान रखें.
इंफेक्शन होने पर करें ये काम-
एंटीवायरल दवा- लक्षणों की अवधि और गंभीरता को कम करने के लिए, एंटीवायरल दवाएं जैसे जानामिविर (रेलेन्ज़ा) या ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) जितनी जल्दी हो सके लेना शुरू करें.
सहायक देखभाल लक्षणों का प्रभावी ढंग से इलाज करने के लिए, अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहने, बहुत आराम करने और बुखार कम करने वाले उपकरणों का उपयोग करने पर जोर दें.
चिकित्सकीय ध्यानः तत्काल चिकित्सकीय ध्यान दें, विशेष रूप से यदि सांस लेने में समस्या या लक्षण बढ़ जाते हैं. गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है.
आइसोलेशन में रहें: सार्वजनिक स्वास्थ्य सिफारिशों का पालन करें और बीमारी को दूसरे में फैलने से रोकने के लिए एकांत में रहें.
फॉलो-अप चेकअप: ठीक होने का आकलन करने और लक्षण प्रबंधन पर सलाह प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से चिकित्सा पेशेवरों के संपर्क में रहें.