केंद्र सरकार ने रेलवे के बुनियादी ढांचे को विस्तार देने के क्रम में 32 हजार 500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाली सात परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इससे रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को 2,339 किलोमीटर का विस्तार मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल मंत्रालय से जुड़ी 7 परियोजनाओं को आज मंजूरी प्रदान की। इनमें गोरखपुर-कैंट-वाल्मीकि नगर, मुदखेड-मेडचल और महबूबनगर-धोन, गुंटूर-बीबीनगर, चोपन-चुनार रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया जाएगा। सोन नगर-अंडाल मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट की मल्टीट्रैकिंग की जाएगी। नेरगुंडी-बारंग और खुर्दा रूड-विजयनगरम में तीसरी लाइन बनाई जाएगी। सामाखियाली-गांधीधाम लाइन का चौहरीकरण किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे से जुड़ी इन परियोजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। यह परियोजनाएं पीएम गति शक्ति मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी राष्ट्रीय मास्टर प्लान का नतीजा है। परियोजनाओं को पूरी तरह से केंद्र सरकार वित्त पोषित करेगी। यह परियोजनाएं आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों को कवर करेंगी। इन रेल परियोजनाओं से भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में 2339 किलोमीटर का विस्तार होगा। 20 करोड़ टन की सालाना माल ढुलाई बढ़ेगी। इससे इन राज्यों के लोगों को 7.06 करोड़ दिवस का रोजगार मिलेगा। रेलवे संचालन आसान होंगे और भीड़-भाड़ कम होगी। इससे रेलवे को सबसे व्यस्ततम मार्गों के लिए जरूरी ढांचागत विस्तार मिलेगा।