केरल में एक ट्रेन में आग लगाने वाला आतंकी शाहरुख सैफी काफिरों को मारने के मिशन पर था। वह मानता था कि काफिरों को मारने से उसके गुनाह खत्म हो जाएँगे। यह जानकारी राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने कोर्ट को दी है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, NIA ने सैफी के विषय में यह बातें चार्जशीट में कोर्ट को बताई हैं। NIA ने यह सारी जानकारियाँ कोर्ट को तब दीं, जब उसने अपनी जमानत के लिए याचिका डाली। हालाँकि, कोर्ट ने सैफी की याचिका को तुरंत खारिज कर दिया।
सैफी ने अपनी ज़मानत याचिका में तर्क दिया था कि उसके मामले की सुनवाई में देर हो रही है, इसलिए उसे ज़मानत मिलनी चाहिए। कोर्ट ने उसकी इस दलील को मानने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने सैफी की ज़मानत याचिका को खारिज करते हुए पाया कि सैफी ने मुकदमे में देरी के लिए बार-बार मानसिक बीमारी का झूठा दावा किया था।
कोर्ट ने कहा कि अगर मुकदमे में कोई देरी हुई है, तो इसका दोष सैफी को जाता है, किसी और को नहीं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर सैफी सहयोग करता है तो मुकदमे को तेज़ी से चलाया जा सकता है।
‘सच्चा मुसलमान’ बनना चाहता था सैफी
NIA ने कोर्ट में बताया कि दिल्ली का रहने वाला सैफी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से परेशान था और ‘एक सच्चा मुसलमान’ बनना चाहता था। NIA ने बताया था कि इसी चाहत में उसने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कट्टरपंथी इस्लामी मौलानाओं द्वारा फैलाए गए जिहाद के बारे में जानना शुरू किया।
NIA ने कहा, “उसने यह मान लिया था कि अपने गुनाहों से मुक्ति पाने का सबसे आसान तरीका ‘काफिरों’ को मारना है, और इसी सोच के साथ उसने आतंकवाद का रास्ता चुनने का फैसला किया।”
एजेंसी ने आगे बताया कि सैफी ने ऐसे जगह पर हमला करने की सोची जहाँ उसकी पहचान आसानी से न हो। इसलिए, वह 31 मार्च 2023 को दिल्ली से केरल के लिए ट्रेन में सवार हुआ। 2 अप्रैल 2023 को सैफी शोरानूर रेलवे स्टेशन पहुँचा, जहाँ से उसने एक पेट्रोल पंप से बोतल में पेट्रोल और स्टेशन के सामने एक दुकान से लाइटर खरीदा।
NIA ने बताया कि पेट्रोल और लाइटर को अपने काले बैग में छिपाकर, सैफी बिना टिकट के ट्रेन में चढ़ा और बाद में आग लगाई। इस आतंकी हमले में 9 यात्री बुरी तरह झुलस गए थे। 3 लोगों की जान चली गई थी।
यह भी सामने आया था कि सैफी कट्टरपंथी मौलाना जाकिर नाइक और पाकिस्तान के मौलवियों जैसे डॉ. इसरार अहमद, तारिक जमील, मुफ्ती तारिक मसूद और तैमूर अहमद की रीरें देखता था। शाहरुख सैफी पर UAPA समेत कई धाराएँ लगाई गई हैं।