आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर से हटाए जाने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (7 मार्च 2024) श्रीनगर पहुँचे। वहाँ जाकर उन्होंने दूर से पहले एक पर्वत को प्रणाम किया और उसके बाद वहाँ फोटों खिंचवाई। ये तस्वीरें शेयर करते हुए पीएम ने जानकारी दी कि आज उन्हें शंकराचार्य पर्वत को देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
पीएम के इस ट्वीट के बाद जो शंकराचार्य पर्वत चर्चा में आया है उसका अपना इतिहास है। यहाँ बना मंदिर समुद्र तल से 1100 फीट की ऊँचाई पर है, जो कि कश्मीर के सबसे पुराने मंदिरों से जाना जाता है। इसके बारे में मौजूद जानकारी बताती है कि मंदिर का निर्माण राजा गोपादात्य ने करवाया था। बाद में डोगरा शासक महाराजा गुलाब सिंह ने मंदिर तक पँहुचने के लिए सीढ़ियाँ बनवाई थी। जब जगद्गुरु शंकराचार्य अपने भारत यात्रा के दौरान यहाँ आए थे तो उन्होंने इसी पर्वत पर साधना की थी। उनका साधना स्थल आज भी यहाँ मौजूद है।
PM Modi tweets, "Upon reaching Srinagar a short while ago, had the opportunity to see the majestic Shankaracharya Hill from a distance." pic.twitter.com/sV2PP0iW3h
— ANI (@ANI) March 7, 2024
शंकराचार्य पर्वत को इस्लामी कट्टरपंथी बुलाते हैं तख्त-ए-सुलेमान
हर हिंदू के लिए जहाँ शंकराचार्य पर्वत एक पवित्र स्थान है। वहीं इस्लामी कट्टरपंथियों की आँख में इसकी पवित्रता खटकती रहती है। जगहों के नाम बदलने की रिवायत उन्होंने इस स्थान के लिए प्रयोग की हुई है। आप अगर इंटरनेट पर देखेंगे तो पाएँगे कि कई जगह इस जगह को लोग तख्त-ए-सुलेमान का नाम देकर आज भी बुलाते हैं और शंकराचार्य पर्वत का नाम लोगों की स्मृति से मिटाने का काम करते हैं।
इस पर्वत का नाम लोगों की जुबान पर तख्त-ए-सुलेमान करने का काम आज से नहीं हो रहा। साल 2014 में भी इस पर विवाद हुआ था। तब, तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि इस पर्वत के और भी नाम हैं और वो रहेंगे। ये अकेली जगह नहीं है जिसके एक से ज्यादा नाम नहीं होते…
शंकराचार्य पर्वत का नाम भले ही सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से नहीं बदला गया हो लेकिन कश्मीर के इस्लामी कट्टरपंथियों ने इसे तख्त-ए-सुलेमान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अनंंतनाग को कहते हैं इस्लामाबाद
मालूम हो कश्मीर का ये कोई पहला ऐसा स्थान नहीं है जिसका नाम बदलकर वहाँ का इस्लामीकरण करने का प्रयास किया गया हो। इसी कश्मीर के अनंतनाग जिले को इस्लामाबाद कहते भी कई लोगों को सुना जा चुका है।
अनंतनाग जिला जिसे कभी कश्मीर की प्राचीन राजधानी कहते थे। लेकिन मुस्लिम आक्रांताओं ने यहाँ के मंदिर को नष्ट करके इसे इस्लामाबाद नाम दिया था। आज के समय में इस्लामाबाद पाकिस्तान की राजधानी है। लेकिन, कश्मीर के कट्टरपंथी अनंतनाग फिर भी इस स्थान को इस्लामाबाद बुलाने से नहीं चूकते।
सूर्य मंदिर को दिखाया शैतान की गुफा
इन दोनों जगहों के अतिरिक्त भी कई ऐसे स्थान हैं जिनपर इस्लामी आतताइयों का कहर बरपा और उनका नामोंनिशान मिटाने का प्रयास हुआ। इनमें एक नाम मार्तंड सूर्य मंदिर का है जिसकी स्थापना कश्मीर के महान राजा ललितादित्य मुक्तिपीड ने की थी। लेकिन बाद में इसे सुल्तान सिकंदर शाह मीरी ने ध्वस्त करवा दिया… और हिंदू आज भी इसके टूटे हिस्से देख मीरी द्वारा दिए गए घाव को महसूस करते हैं।
This 8th Century ruler had efficient administration.Developed various infrastructure projects also ensuring that villages and far flung areas were not deprive of basic amenities like food, water (he also built water reservoirs and wells).Women were well educated under his reign
— Lost Temples™ (@LostTemple7) July 30, 2019
लेकिन इससे इस्लामी कट्टरपंथियों, वामपंथियों को कोई फर्क नहीं पड़ता। वो इस पवित्र स्थान को शैतान की गुफा बताकर दुनिया के आगे पेश करते हैं। जैसे साल 2014 में हैदर फिल्म में किया गया था। इस फिल्म में इस पवित्र स्थान को शैतान की गुफा का तमगा दिया गया था और तब किसी ने इसका विरोध तक नहीं किया था। हाँ… कश्मीरी पंडितों ने अपने मंदिर की छवि गलत दिखाने की जानकारी होने पर इसका विरोध किया था लेकिन उस समय उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था।